संजय शर्मा, BHOPAL. एक बार फिर कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीतों की सुरक्षा पर संकट मंडरा रहा। इस बार खतरा बीमारी का नहीं, जंगल के उस बाघ से है जो सवाई माधोपुर के रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से लापता था, लेकिन अब उसकी लोकेशन कूनो नेशनल पार्क में मिली है। बाघ का मूवमेंट नेशनल पार्क में लगे कैमरों में दिखा है।
चीतों से 12 किलोमीटर दूर बाघ
ये बाघ मुरैना जिले के जंगल से होते हुए कूनो तक पहुंच चुका है और नेशनल पार्क में चीतों के विचरण क्षेत्र से करीब 12 किलोमीटर दूर है। बाघ टी-136 रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की तालेड़ा रेंज से 7 महीने पहले लापता हो गया था, तब से इसकी लोकेशन नहीं मिल रही थी।
कूनो में 16 चीते
कूनो नेशनल पार्क में अलग-अलग चरणों में अफ्रीकन चीतों को बसाया गया है। इनमें से अब तक 8 चीते बीमारी की चपेट में आने से मारे जा चुके हैं। वहीं 16 चीते नेशनल पार्क में विचरण कर रहे हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में एक अरसे बाद बसाए गए चीतों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग ने तगड़ा इंतजाम किया है। बीमारी से एक एक कर 8 चीतों की मौत के बाद यहां निगरानी और बढ़ा दी गई है, लेकिन पड़ोसी राज्य से नई टेरेटरी की तलाश में भटके बाघ ने चीतों की सुरक्षा को लेकर नेशनल पार्क प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है।
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बाघ और चीतों में हो सकती है टेरिटोरियल फाइट
अधिकारियों का कहना है रणथम्भौर का ये बाघ पहले भी विचरण करते हुए कूनो की सीमा तक आता रहा है। उसे पिछले साल अप्रैल 2023 और अगस्त 2022 में भी कूनो की सीमा में लगे सर्विलांस कैमरों के फुटेज में देखा गया था। इस बार बाघ का मूवमेंट नेशनल पार्क में चीतों के विचरण स्थल के नजदीक होने से उनके बीच टेरिटोरियल फाइट की आशंका ने चिंता बढ़ा दी है। नेशनल पार्क प्रबंधन फिलहाल बाघ के मूवमेंट और चीतों के विचरण पर नजर रखे हुए है। बाघ के मूवमेंट की जानकारी रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान को भी दे दी गई है।