अरुण तिवारी, BHOPAL. प्रदेश में बीजेपी की जनआशीर्वाद के जवाब में कांग्रेस जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस की ये सबसे महत्वाकांक्षी यात्रा है। इस यात्रा से कांग्रेस के कई नेताओं का राजनीतिक भविष्य तय होने वाला है। दिल्ली से एक फरमान आया है जिसमें कहा गया हे कि जन आक्रोश यात्रा में जो भीड़ जुटाएगा, उसकी टिकट के लिए मजबूत दावेदारी होगी। यानी भीड़ जुटाने वाले को टिकट मिलेगी। इसकी मॉनीटरिंग राहुल गांधी की टीम करेगी। इससे ये साफ हो गया है कि कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची अब 15 दिन बाद ही आएगी।
टारगेट पर दावेदार और विधायक
जनआक्रोश यात्रा की सफलता कांग्रेस के लिए बेहद अहम है। इस यात्रा को निकालने का मकसद ही ये है कि प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन सके। कांग्रेस इस यात्रा के जरिए बीजेपी की जनआशीर्वाद यात्रा पर पानी फेरना चाहती है। कांग्रेस सात अलग-अलग क्षेत्रों में सात यात्राएं निकाल रही है। दिल्ली से आए एक फरमान ने टिकट के दावेदारों और मौजूदा विधायकों को टेंशन में डाल दिया है। इस फरमान में कहा गया है कि टिकट के लिए उसी की दावेदारी मानी जाएगी जो इस यात्रा में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इकट्ठा करेगा। यह नियम टिकट के दावेदारों के साथ ही मौजूदा विधायकों पर भी लागू होगा। इन यात्राओं की मॉनीटरिंग राहुल गांधी की सात टीमें करेंगी जो पूरे समय इस यात्रा में मौजूद रहेंगी। हालांकि बात गोपनीय है इसलिए कांग्रेस नेता इसका गोलमोल जवाब ही दे रहे हैं।
अक्टूबर के पहले घोषित नहीं होंगे उम्मीदवार
दिल्ली से आए फरमान का एक साफ मतलब है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची अगले 15 दिन यानी चार अक्टूबर तक नहीं आने वाली। जन आक्रोश यात्रा में नेताओं की परफार्मेंस ही उनकी टिकट का आधार बनने वाला है। इसी कारण कांग्रेस ने अपनी पहली सूची रोक दी है। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी करीब सौ सीटों को फायनल कर चुकी है जिसमें 66 सीटें लगातार हारने वाली हैं और बाकी मौजूदा विधायकों के नाम हैं। लेकिन इस सूची को भी फिलहाल रोक दिया गया है।
सभी 230 विधानसभा सीटों पर जाएगी यात्रा
जिस तरह बीजेपी की जनआशीर्वाद यात्रा सभी विधानसभा सीटों पर जा रही है उसी तरह कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा भी सभी 230 विधानसभा सीटों तक जाएगी। कांग्रेस इस यात्रा के जरिए कर्नाटक में हुई जीत को दोहराना चाहती है। इस यात्रा में जो रथ शामिल हुए हैं वे कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल हुए रथ ही हैं। इन यात्रा में सात रथों के सात प्रभारी बनाए हुए हैं। यह यात्रा प्रदेश में करीब 12 हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस यात्रा में दिल्ली के नेता भी शामिल होंगे।