JAIPUR. राजस्थान में चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के चयन के लिए राजस्थान बीजेपी के सभी प्रमुख नेता शनिवार, 30 सितंबर को दिल्ली पहुंच गए। रविवार को पार्टी की केंद्रीय संसदीय समिति की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में राजस्थान के लगभग 50 प्रत्याशियों के नाम तय हो सकते हैं।
प्रत्याशियों के चयन के काम को गति
भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कुछ सीटों पर प्रत्यक्ष के नाम तय कर दिए हैं लेकिन राजस्थान में अभी एक भी सीट का नाम घोषित नहीं किया गया है। राजस्थान में पार्टी के परिवर्तन यात्राओं और उनके समापन पर प्रधानमंत्री की सभा के चलते इस काम में देरी हुई है। अब यात्राएं समाप्त हो चुकी हैं और प्रधानमंत्री की सभा भी हो गई है इसलिए पार्टी ने प्रत्याशियों के चयन के काम को गति दे दी है।
कोर कमेटी की बैठक के बाद बुलाया था दिल्ली
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गृहमंत्री अमित शाह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष 2 दिन पहले जयपुर में पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों के साथ मैराथन बैठकर करके गए हैं। इन बैठकों में प्रत्याशियों के चयन के लिए प्रारंभिक तैयारी की गई थी और सभी नेताओं को शनिवार को दिल्ली बुलाया गया था।
प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी रविवार को दिल्ली पहुंचेंगे
इसी के तहत पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, तीनों केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी शनिवार को दिल्ली पहुंच गए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी संभव उत्तर रविवार को दिल्ली पहुंचेंगे। शनिवार को भी चित्तौड़गढ़ में थे जहां सोमवार को प्रधानमंत्री की सभा होनी है।
सूची श्राद्ध पक्ष के बाद ही जारी होगी
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को इन नेताओं की कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई। हालांकि, अनौपचारिक बैठकों में प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई है। अब रविवार को दिन में पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक हो सकती है और इसके बाद शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में केंद्रीय संसदीय समिति की बैठक होगी। इस बैठक में राजस्थान मैं पार्टी की 19 कमजोर सीटों और 27 मजबूत सीटों के प्रत्याशियों के नाम तय होने की संभावना बताई जा रही है। हालांकि, बैठक के बाद यह नाम घोषित होंगे या नहीं इसे लेकर संशय बना हुआ है। श्राद्ध पक्ष शुरू हो चुके हैं और इस दौरान प्रत्याशियों के नाम घोषित करना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए माना जा रहा है कि नाम तय होने के बावजूद सूची श्राद्ध पक्ष के बाद ही जारी होगी।