अरुण तिवारी, BHOPAL. चुनाव के समय राजनीतिक दल उम्मीदवार तय करने के लिए फॉर्मूला और गाइडलाइन बनाते हैं जिसे क्राइटेरिया कहा जाता है। दावा ये किया जाता है कि क्राइटेरिया के आधार पर ही टिकट बांटे जाएंगे। इस क्राइटेरिया में सर्वे, परिवारवाद और उम्र का खासतौर पर शामिल होते हैं। लेकिन इस बार बीजेपी और कांग्रेस ने इस क्राइटेरिया को ताक पर रख दिया। टिकट की सूची देखें तो साफ तौर पर नजर आता है कि उम्मीदवार तय करने में सर्वे की जगह नेताओं की चली है। बीजेपी की सूची में शिवराज तो कांग्रेस की सूची में कमलनाथ-दिग्विजय समर्थक हावी रहे हैं।
इस तरह गाइडलाइन बनी साइडलाइन
गाइडलाइन की फजीहत इस बार बीजेपी में सबसे ज्यादा हुई है। टिकट बांटने में अमित शाह के दखल से ऐसा माना जा रहा था कि उम्र में 75 और परिवारवाद को न का फॉर्मूला जरूर चलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 75 पार तो छोड़िए बीजेपी ने 80 पार तक को टिकट दे दिया। जबकि इस 75 पार के कारण एक समय आनन-फानन में मंत्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को मंत्री पद से हटा दिया गया था। ये फरमान भी मोदी-शाह का माना गया था। वहीं सूची में परिवारवाद की भी खूब झलक दिखाई दी। इस परिवारवाद हम सिर्फ नए चेहरों की बात कर रहे हैं। पुराने परिवारवाद के उदाहरण तो अपनी जगह हैं। किसी की पुत्री, तो किसी के पुत्र तो किसी की बहू को बिना संकोच टिकट दे दिया गया। इस बार पुरानी हार पर भी ध्यान नहीं दिया गया। जनता ने जिसको 30-40 हजार से ज्यादा मतों से हराया था उसको भी पार्टी ने उम्मीदवार बनाकर जनता की राय को खारिज कर दिया।
कुछ इसी तरह के हाल कांग्रेस के हैं। हालांकि, कांग्रेस में उम्र और परिवारवाद के मायने ज्यादा नहीं हैं। कांग्रेस के सीएम फेस कमलनाथ ही 80 की उम्र के हैं। परिवारवाद के मामले में कांग्रेस हमेशा बीजेपी के नेताओं की गिनती करती रही है, लेकिन इस सूची में कांग्रेस ने भी जमकर परिजनों को टिकट दिया है। रही बात हार की तो कांग्रेस ने भी बड़ी हार वाले नेताओं पर फिर भरोसा जताया है। यानी कांग्रेस में सर्वे को साइड में रख नेताओं ने अपने समर्थकों को टिकट दिलवा दिया।
बीजेपी और कांग्रेस के उम्रदराज उम्मीदवार...
बीजेपी
प्रत्याशी | उम्र |
माया सिंह |
74 साल |
नागेंद्र सिंह नागौद |
80 साल |
सीतासरन शर्मा |
80 साल |
जयंत मलैया |
76 साल |
नागेंद्र सिंह गुढ़ |
80 साल |
कांग्रेस
कमलनाथ |
76 साल |
डॉ. गोविंद सिंह |
74 साल |
केपी सिंह कक्काजू |
70 साल |
राजेंद्र कुमार सिंह |
73 साल |
बीजेपी में परिवारवाद...
बालाघाट:
मौसम बिसेन - मंत्री गौरीशंकर बिसेन की पुत्री
जोबटः
विशाल रावत - विधायक सुलोचना रावत के पुत्र
नेपानगरः
मंजू दादू - पूर्व विधायक राजेंद्र दादू की पुत्री
कुक्षीः
जयदीप पटेल - पूर्व मंत्री रंजना बघेल के भतीजे
बरगीः
नीरज सिंह - पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह के पुत्र
महाराजपुरः
कामाख्या प्रताप - पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह के पुत्र
बंडाः
वीरेंद्र सिंह - पूर्व सांसद शिवराज सिंह के पुत्र
सबलगढ़ः
सरला रावत - पूर्व विधायक मेहरबान सिंह रावत की बहू
कांग्रेस में परिवारवाद...
खरगापुरः
चंदारानी गौर- डॉ. गोविंद सिंह की रिश्तेदार
मेहगांवः
राहुल सिंह भदौरिया - डॉ. गोविंद सिंह के भतीजे
भोपाल उत्तरः
आतिफ अकील - पूर्व मंत्री आरिफ अकील के पुत्र
इंदौर 3:
पिंटू जोशी - पूर्व मंत्री महेश जोशी के पुत्र
झाबुआः
विक्रांत भूरिया - विधायक कांतिलाल भूरिया के पुत्र
सांवेरः
रीना बौरासी - पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की पुत्री
ज्यादा अंतर से हारे फिर भी उम्मीदवार...
बीजेपी :
श्योपुरः
दुर्गालाल विजय - 42 हजार
गोहदः
लाल सिंह आर्य - 24 हजार
सौंसरः
नानाभाउ मोहड़ - 20 हजार
बैतूलः
हेमंत खंडेलवाल - 21 हजार
भैंसदेहीः
महेंद्र सिंह चौहान - 31 हजार
खिलचीपुरः
हजारीलाल दांगी - 30 हजार
शाजापुरः
अरुण भीमावत - 45 हजार
महेश्वरः
राजकुमार मेव - 36 हजार
थांदलाः
कल सिंह भाबर - 31 हजार
कांग्रेस :
ग्वालियरः
सुनील शर्मा - 34 हजार
भिंडः
चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी - 35 हजार
पवईः
मुकेश नायक - 23 हजार
सुसनेरः
महेंद्र बापू - 27 हजार
पंधानाः
छाया मोरे - 24 हजार