संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश की हाईप्रोफाइल विधानसभा सीट इंदौर विधानसभा एक में बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के बीच घमासान तेज हो गया है। आरोप-प्रत्यारोप के बाद मामला शिकायतों तक पहुंच गया है। कांग्रेस विधायक शुक्ला ने केंद्रीय चुनाव आयोग को विजयवर्गीय के नामांकन पर ली गई आपत्तियों को दरकिनार करने पर रिटर्निंग अधिकारी ओम नारायण सिंह बड़कुल की शिकायत कर दी है। शुक्ला आयोग में शिकायत करने के साथ ही विजयवर्गीय के खिलाफ थाने भी पहुंच गए हैं और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
कैलाश विजयवर्गीय का जवाब
कैलाश विजयवर्गीय ने नामांकन पर छिपाई जानकारियों को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर कहा कि कांग्रेस को फेयर चुनाव लड़ना नहीं आता है। मैं 40 साल से राजनीति में हूं और मेरा पूरा जीवन खुली किताब है। मैंने कभी कमर के नीचे वार नहीं किया और ना डर्टी पॉलिटिक्स की।
शुक्ला ने आयोग से की मांग- रिटर्निंग अधिकारी को दें निर्देश
शुक्ला ने आयोग को शिकायत की है कि रिटर्निंग अधिकारी के सामने हमने कैलाश विजयवर्गीय द्वारा नामांकन पत्र में छिपाए गए तथ्यों की दस्तावेज सहित पूरी जानकारी दी थी। लेकिन रिटर्निंग अधिकारी बड़कुल ने निष्क्रियता दिखाई और उन्होंने मेरी आपत्तियों पर विचार करने से ही इनकार कर दिया। इस पूरे मामले की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई है। रिटर्निंग अधिकारी बड़कुल ने असंवैधानिक कृत्य किया है। इसके सत्यापन के लिए आप उन्हें बुला सकते हैं। मेरी आपत्तियों के निराकरण के लिए आप रिटर्निंग अधिकारी या जिला चुनाव अधिकारी को निर्देश दें।
संजय शुक्ला, विजयवर्गीय के खिलाफ पहुंचे थाने
आयोग में शिकायत करने के साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला ने थाना रावजी बाजार में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ केस दर्ज करने का आवेदन दिया है। शुक्ला ने आवेदन में लिखा है कि विजयवर्गीय द्वारा चुनाव के लिए भरे गए शपथ पत्र में अपराधों के साथ ही पत्नी के चिटफंड कंपनी की जानकारी छिपाई है। ये सभी जानकारी छुपाकर और गलत जानकारी देकर झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने का प्रथम दृष्टया उनके द्वारा संज्ञेय अपराध घटित करना स्पष्ट है। ये अपराध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 A में और IPC की धारा 420, 191, 193, 218, 34 में संज्ञेय अपराध है। इसलिए इसमें कार्रवाई की मांग करता हूं अपराधिक प्रकरण दर्ज कर दोषी को सजा दिलाएं और भ्रष्ट आचरण के लिए भी दोषी है।
ये जानकारियां नहीं देने की बात आवेदन में लिखी गई
शुक्ला ने अपने लंबे आवेदन में लिखा है कि कैलाश विजयवर्गीय और 3 अन्य आरोपियों के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, अलीपोर, पश्चिम बंगाल के समक्ष पीडित महिला द्वारा आवेदन धारा 156(3) द.प्र.सं. प्रस्तुत किया गया। सर्सुना पुलिस थाना में प्रकरण क्र. 131/2019 अंतर्गत धारा 341, 506 (ii), 34 IPC और पुलिस थाना बोलपुर में प्रकरण क्रमांक 89/2020 अंतर्गत धारा 341, 323, 325, 506, 34 है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं दी गई। इस तरह छत्तीसगढ़ में कोर्ट ने फरार घोषित किया है। उनके विरुद्ध स्थायी गिरफ्तारी वारंट दिनांक 08.11.2019 को जारी किया गया है। उनकी पत्नी एसोसिएशन फॉर सेल्फ हेल्प एक्शन की डायरेक्टर हैं। इसकी भी जानकारी छिपाई गई।
इधर विजयवर्गीय हुए मुखर, कांग्रेस फेयर चुनाव नहीं लड़ती
कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस फेयर चुनाव नहीं लड़ती और कमियां ढूंढती रहती है कि मैंने क्या बोला, उसे जोड़ देते हैं। फेयर चुनाव लड़िए और जनता के बीच जाइए, मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं 40 साल से राजनीति में हूं और मेरा जीवन खुली किताब है। जिंदगी में मैंने कमर के नीचे कभी वार नहीं किया और ना डर्टी पॉलीटिक्स की। कलेक्टोरेट में नामांकन के दिन चाय पीने पर भी कहा कि कलेक्टोरेट में चाय पीने पर कहां रोक है, हमारे कार्यकर्ता चाय लेकर आए थे, हमने पी।
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जीतू पटवारी पर कसा तंज
जीतू पटवारी के नफरती हिंदू वाले बयान पर कैलाश ने कहा कि ये शब्द कहां से आ गया, पहले कांग्रेस भगवा आतंकवाद लेकर आई और अब ये शब्द लेकर आई। बीजलपुर वाला आदमी कुछ भी बोलता है।