संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की देवी अहिल्या यूनवर्सिटी में रुपए लेकर एडमिशन देने के आरोप काफी समय से लग रहे हैं। अब इसका एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें यूनिवर्सिटि के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेस की विजिटिंग फैकल्टी सुहेल खान द्वारा एडमिशन की डील करने की बात सामने आई है। इसके लिए रुपए की भी डील की बात हो रही है। इस ऑडियो के सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी ने फैकल्टी को सस्पेंड कर दिया है। इसमें खान एक छात्र से एक सीट बुक कराने की डील करा रहा है, जिसमें कह रहा है कि यह राशि मेरी जेब में नहीं जाएगी, बाबुओं को देना है, वह मेरे कई काम करते हैं। जब छात्र इसमें राशि कम करने की बात कहता है तो वह कहते हैं कि दो-चार सौ रुपए इसमें क्या कम कर सकता हूं, इस तरह से काम नहीं चलता है। राशि उतनी ही लगेगी।
यूनिवर्सिटी ने कुछ दिन पहले निकाली थी सूचना
यूनविर्सिटी ने एडमिशन के नाम पर धांधली की खबरें आने, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव राकेश यादव, कांग्रेस के यूनिवर्सिटी पदाधिकारी तेजप्रकाश राणे द्वारा इसकी शिकायतें करने के बाद 28 जून को एक सूचना भी जारी की थी। इसमें कहा था कि कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा एडमिशन के नाम पर बरगलाने और आर्थिक लेन-देन की कोशिश करने की बात सामने आ रही है, इनसे सतर्क रहें। यूनिवर्सिटी को इसे लेकर सूचित करें और किसी भी इस तरह के प्रस्ताव पर ध्यान नहीं दिया जाए।
यह लगे थे यूनिवर्सिटी पर आरोप
यूनिवर्सिटी पर आरोप लगे थे कि इस वर्ष सीईयूटी के परीक्षा केंद्र अलग राज्यों में आने से अनेक विद्यार्थी परीक्षा फार्म भरने के बाद भी परीक्षा नहीं दे पाए हैं। इसकी वजह से डीएवीवी में दलाली करने वाले छात्र नेताओं और डीएवीवी के प्रशासनिक अधिकारियों ने संगठित गिरोह बनाकर लूटना शुरू कर दिया हैं। लूटपाट की जाती हैं। डीएवीवी के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर सीईयूटी एडमिशन कांड किया जाता हैं। कॉलेज में एडमिशन कराने का ठेका एक विद्यार्थी का डेढ़ लाख से ढाई लाख में लिया जाता।
यह खबर भी पढ़ें
यूनिवर्सिटी के इन फैकल्टी पर कांग्रेस ने जताया संदेह
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी), इंदौर के मुताबिक यूजी कोर्स के लिए सीईयूटी में 1 लाख 65 हजार रजिस्ट्रेशन किए गए। डीएवीवी में कुल 1500 के लगभग सीटें हैं। ऐसे में एक सीट के लिए 110 दावेदार हैं। कांग्रेस ने तो एडमिशन के लिए डीएवीवी कुलपति रेणु जैन और रजिस्ट्रार अजय वर्मा के संरक्षण में ही लाखों रुपए लेकर एडमिशन का खेल चलने के आरोप लगाए थे। साथ ही बताया था कि डीएवीवी में एडमिशन कमेटी में प्रभारी बने एचओडी आशुतोष मिश्रा,एचओडी कन्हैया आहुजा, एचओडी चंदन गुप्ता, एचओडी वीके त्रिपाठी और टेक्निकल अधिकारी योगेन्द्र बावेल की भूमिका संदिग्ध हैं। इसमें एचओडी चंदन गुप्ता डीएवीवी पीआरओ भी हैं। यहां तक आरोप लगाए गए कि कुलपति के कक्ष के बाहर स्थित रेक्टर अशोक शर्मा के कक्ष में लेनदेन की मीटिंगें हो रहीं हैं। वहीं खंडवा रोड पर एचओडी और पीआरओ चंदन गुप्ता के कक्ष में होती मीटिंग होती है। हालांकि, कांग्रेस ने इन सभी पर लगे आरोपों को लेकर कोई सबूत नहीं दिए हैं, लेकिन विजिटिंग फैकल्टी का ऑडियो सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी पर सवाल खड़े हो गए हैं।