मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) को प्रोत्साहित करने के लिए रैंप योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत छोटे और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे प्रदेश में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर में आयोजित इंडस्ट्री डायलॉग कार्यक्रम में 16 निवेशकों को 'इन्विटेशन टू इन्वेस्ट' पत्र भी सौंपे। इसके परिणामस्वरूप लगभग 11,733 करोड़ रुपए का निवेश और 8943 युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
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कार्यक्रम में एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से प्रशिक्षण प्राप्त 5 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 9 लाभार्थियों को 2 करोड़ 21 लाख रुपए से अधिक की राशि और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य संस्करण योजना के तहत 3 लाभार्थियों को 55 लाख रुपए से अधिक का चेक वितरित किया।
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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश की आर्थिक स्थिति के बारे में भी बात की और कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज पदार्थों से समृद्ध है, और बिजली की कोई कमी नहीं है। साथ ही, सेंट्रल इंडिया में स्थित होने के कारण प्रदेश की कनेक्टिविटी भी शानदार है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है। उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे छत्तीसगढ़ में निवेश करें और राज्य के विकास में भागीदार बनें।
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नई औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना का ऐलान
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने 7 नए लघु औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की है और 4 बड़े औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना प्रक्रिया में है। बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना से सहायक इकाइयों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। इसके लिए नगरनार के पास नियानार में 118 एकड़ भूमि पर नया औद्योगिक पार्क विकसित किया जा रहा है।
उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने इस अवसर पर कहा कि पिछले 6 सालों से 1049 लघु और बड़े उद्योगों को अनुदान नहीं मिला था, लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है कि जल्द ही उन सभी को अनुदान राशि जारी की जाएगी।
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