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छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे अब तक के सबसे बड़े एंटी-नक्सल ऑपरेशन का बड़ा असर सामने आया है। सुरक्षाबलों ने इस अभियान में 20 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गिरफ्तार किए गए नक्सलियों में एक डीवीसी सदस्य, पांच एक्शन कमेटी मेंबर (ACM) और 14 सक्रिय पार्टी सदस्य शामिल हैं। यह कार्रवाई राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है।
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तेलंगाना से की गई गिरफ्तारी
इन गिरफ्तारियों को मुलुगु जिले के वाज़ेडु, वेंकटापुरम और कन्नईगुड़म थाना क्षेत्रों से अंजाम दिया गया है। सुरक्षा बलों ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में घातक हथियार और विस्फोटक सामग्री भी जब्त की है, जिसमें शामिल हैं:
03 INSAS राइफल
04 SLR राइफल
01 303 बोर राइफल
बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और नकदी
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आत्मसमर्पण की लहर भी शुरू
उधर मुलुगु जिले में ही एक अन्य बड़ी कार्रवाई में एक DVCM सहित 8 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल हैं:
1 डिवीजनल कमेटी मेंबर
6 प्लाटून सदस्य
1 जनमिलिशिया सदस्य
सभी नक्सलियों ने तेलंगाना पुलिस अधीक्षक (SP) के समक्ष आत्मसमर्पण किया और समाज की मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जाहिर की।
कररेगुट्टा ऑपरेशन: सबसे बड़ा अभियान
यह पूरा घटनाक्रम 21 दिनों तक चले उस संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा है, जिसे छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमावर्ती क्षेत्रों में CRPF, DRG और STF की संयुक्त टीमों ने अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के दौरान:
31 नक्सली ढेर किए गए, जिन पर कुल 1.72 करोड़ रुपये का इनाम था
18 जवान घायल हुए
35 रायफल और 450 IED बरामद
214 नक्सली बंकर व ठिकाने नष्ट
नक्सलियों के पास से 12,000 किलो राशन भी बरामद किया गया, जिसे वे पहाड़ियों में 2 साल तक के लिए जमा कर चुके थे
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DGP और CRPF DG की प्रेस कांफ्रेंस
छत्तीसगढ़ के DGP और CRPF के DG ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस ऐतिहासिक ऑपरेशन की जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान नक्सल नेटवर्क की रीढ़ तोड़ने की दिशा में सबसे निर्णायक कदम है। अब यह स्पष्ट है कि नक्सलियों की रसद, रणनीति और संरचना तीनों पर करारा प्रहार हुआ है।
इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया है कि सरकार और सुरक्षा बल नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी प्रतिबद्धता और रणनीति के साथ मैदान में डटे हैं। गिरफ्तारियां, आत्मसमर्पण और भारी हथियारों की बरामदगी नक्सल आंदोलन के कमजोर होते ढांचे की पुष्टि करते हैं। आने वाले समय में यह अभियान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए शांति और विकास की नई सुबह साबित हो सकता है।
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