24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, 87 लाख से अधिक का था इनाम

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। शीर्ष नक्सली लीडर बसवराजु की मौत के महज दो दिन बाद, पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने कंपनी नंबर-02 के डिप्टी कमांडर राकेश समेत कुल 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। शीर्ष नक्सली लीडर बसवराजु की मौत के महज दो दिन बाद, पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने कंपनी नंबर-02 के डिप्टी कमांडर राकेश समेत कुल 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन सभी पर कुल 87.05 लाख रुपये का इनाम घोषित था। अकेले राकेश पर 10 लाख रुपये का इनाम था।

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सुरक्षा बलों की उपस्थिति में आत्मसमर्पण

इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण CRPF के डीआईजी देवेन्द्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल और उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष किया। आत्मसमर्पण के बाद सभी माओवादियों को प्रोत्साहन स्वरूप 50-50 हजार रुपये की नगद राशि प्रदान की गई।

गंभीर वारदातों में थे शामिल

पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले सभी 24 माओवादी फायरिंग, आईईडी ब्लास्ट, आगजनी और पुलिस पर हमले जैसी गंभीर घटनाओं में शामिल रहे हैं। ये सभी लंबे समय से पुलिस के लिए चुनौती बने हुए थे।

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बसवराजु की मौत बनी बदलाव का कारण

सूत्रों का मानना है कि शीर्ष नक्सली नेता बसवराजु की मौत के बाद संगठन में भय और भ्रम का माहौल पैदा हो गया है। इससे हतोत्साहित होकर कई माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। यह भी दर्शाता है कि संगठन का मनोबल लगातार गिर रहा है।

2025 में अब तक के आंकड़े चौंकाने वाले

राज्य पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबियां दर्ज की गई हैं:

227 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है

237 माओवादी गिरफ्तार किए जा चुके हैं

119 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए हैं

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पुलिस की नीति रंग ला रही

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि बसवराजु की मौत ने नक्सली संगठन की रीढ़ तोड़ दी है। इसके चलते शीर्ष स्तर से लेकर निचले स्तर तक नक्सलियों में भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आत्मसमर्पण की इस बढ़ती संख्या को सरकार की पुनर्वास नीति, बेहतर खुफिया सूचना और ज़मीनी स्तर पर मजबूत पुलिसिंग का परिणाम माना जा रहा है।

बीजापुर में एक ही समय में 24 नक्सलियों का आत्मसमर्पण न केवल पुलिस की बड़ी जीत है, बल्कि यह संकेत भी है कि नक्सली आंदोलन की जड़ें अब कमजोर हो रही हैं। आने वाले समय में अगर इसी रणनीति पर काम होता रहा तो बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में शांति की बहाली और विकास की राह और भी साफ होती जाएगी।

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