बड़ेसेट्टी पंचायत के बाद अब केरलापेंदा भी नक्सलियों से हुआ मुक्त

Keralapenda Naxals Free : छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर सुकमा जिले का केरलापेंदा पंचायत प्रदेश का दूसरा नक्सल मुक्त पंचायत हो गया है।

author-image
Kanak Durga Jha
एडिट
New Update
After Badesetti Panchayat now Keralapenda also free from Naxals the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर सुकमा जिले का केरलापेंदा पंचायत प्रदेश का दूसरा नक्सल मुक्त पंचायत हो गया है। संगठन के अंतिम 9 नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। केरलापेंदा पंचायत नक्सलियों के जगरगुंडा एरिया कमेटी के लिए लेवी वसूली और बैठकों का अड्डा माना जाता था। मार्च 2024 में लक्खापाल में सुरक्षाबल का कैंप स्थापित किया गया जिसके बाद से इलाके में विकासात्मक कार्यों को गति मिली। 

ये खबर भी पढ़िए...B.Ed के लाखों छात्रों को बड़ा झटका... 4 बड़े कॉलेजों की मान्यता रद्द

साथ ही पुलिस और सीआरपीएफ के अफसरों ने लक्खापाल व केरलापेंदा में सिविक एक्शन के तहत जागरूकता अभियान चलाया और सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। इस जागरूकता अभियान से महज एक साल में 22 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ गए।

इधर बस्तर के अलग-अलग जिलों में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन से संगठन को करारा झटका लग रहा है। सोमवार को केरलापेंदा पंचायत के 9 नक्सली सदस्यों ने सरेंडर कर इलाके को नक्सल मुक्त कर दिया। बड़ेसट्टी के बाद केरलापेंदा सुकमा जिले की दूसरा नक्सल मुक्त पंचायत बन गी गई। 

ये खबर भी पढ़िए...जंगल सफारी नहीं रायगढ़ का अभयारण्य बना वाइल्ड लाइफ का स्पॉट

विस चुनाव में पोलिंग बूथ पर की गई थी फायरिंग 

साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार लक्खापाल में पोलिंग बूथ बनाया गया था। नक्सलियों ने मतदान केंद्र के करीब 50 मीटर के दायरे में आईईडी बिछा दिए थे। मतदान के दिन सुरक्षाबल के जवान मतदान कर्मियों के साथ लक्खापाल के पोलिंग बूथ पहुंचे। मतदान शुरु होने के एक घंटे के बाद नक्सलियों ने बूथ पर हमला कर दिया। सुरक्षाबलों ने बड़ी बहादुरी से जवाब दिया। 

ये खबर भी पढ़िए...Weather Update : आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश की चेतावनी, अलर्ट जारी

21 साल बाद खुले श्रीराम मंदिर के पट, अब सुख-शांति है 

70 के दशक में केरलापेंदा गांव में श्रीराम मंदिर की स्थापना की गई थी। साल 2006 में इलाके में नक्सलियों के खिलाफ शुरू हुए सलवा जुडूम के बाद इसे बंद कर दिया गया। कैंप खुलने के बाद जवानों ने सबसे पहले मंदिर के कपाट खुलवाए। इसके बाद गांव में पूजा अर्चना शुरू हुई। मंदिर के पुजारी तेलाम गंगा और तेलाम महादेव ने बताया, मंदिर के पट खुलने से गांव में सुख शांति बनी हुई है। 

FAQ

केरलापेंदा पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किए जाने के पीछे मुख्य कारण क्या रहा?
केरलापेंदा पंचायत को नक्सल मुक्त घोषित किए जाने के पीछे छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सल उन्मूलन नीति, लक्खापाल में सुरक्षा कैंप की स्थापना, सिविक एक्शन के तहत चलाए गए जागरूकता अभियान और सुरक्षा बलों के प्रयास प्रमुख कारण रहे। इन प्रयासों के चलते 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान लक्खापाल पोलिंग बूथ पर क्या हुआ था?
वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में पहली बार लक्खापाल में पोलिंग बूथ बनाया गया था। नक्सलियों ने मतदान केंद्र के पास आईईडी बिछा दिए थे और मतदान शुरू होने के एक घंटे बाद हमला कर दिया था, जिसका सुरक्षाबलों ने बहादुरी से जवाब दिया।
श्रीराम मंदिर को लेकर गांव में क्या परिवर्तन देखने को मिला?
श्रीराम मंदिर, जो 2006 में सलवा जुडूम के समय बंद कर दिया गया था, अब 21 साल बाद फिर से खोला गया है। मंदिर के कपाट खुलने के बाद गांव में पूजा-अर्चना शुरू हुई और पुजारियों के अनुसार इससे गांव में सुख-शांति का माहौल बना है।

ये खबर भी पढ़िए...महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ कॉरिडोर सील… छोटी-छोटी टुकड़ियों में छिपे नक्सली

Naxal | CG Naxal News | cg naxal terror | Chhattisgarh Naxal | chhattisgarh naxal area | Chhattisgarh Naxalite active | Chhattisgarh Naxalite | Chhattisgarh Naxalite news | Chhattisgarh Naxalites | Chhattisgarh Naxal News | Chhattisgarh naxal state | chhattisgarh naxal terror  | नक्सल मुक्त भारत

Chhattisgarh Naxalite छत्तीसगढ़ सरकार Chhattisgarh Naxalites Chhattisgarh Naxalite active Naxal Chhattisgarh Naxal सुकमा Chhattisgarh Naxalite news Chhattisgarh naxal state CG Naxal News Chhattisgarh Naxal News नक्सल मुक्त भारत नक्सल उन्मूलन नीति chhattisgarh naxal terror cg naxal terror chhattisgarh naxal area