दरअसल रायगढ़ की रहवासी ज्योति पटेल जो पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर थी. ज्योति अविवाहित थी, इसी बीच साल 2014 में उसकी आकस्मिक मृत्यु हो गई. उन्होंने अपनी सेवा के दौरान कई बीमा बीमा अनुबंध ली थी. साथ ही बैंक अकाउंट में कुछ रकम भी जमा करके रखे थे. इस संबंध में हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मृत्यु के बाद अविवाहित महिला की माँ ही उसकी संपत्ति की हकदार हैं.
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दत्तक पिता ने जताया संपत्ति पर अधिकार
महिला की मौत की बाद खितिभूषण पटेल ने उसके दत्तक पिता का दावा करते हुए अदालत में कुछ आवेदन भी पेश किये थे.जिसमे कहा कि मृतका ज्योति को उसकी माँ ने ठुकरा दिया था. जिसके बाद उसने ही उसकी देख रेख की. साल 2005 में गोद लिया और उसकी पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई. इसके आधार पर उसने महिला की जमा पूँजी पर अपना हक जताया.
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वहीँ दूसरी ओर महिला की माँ फुलकुमारी पटेल ने खुद को कानूनी हकदार बताते हुए आपत्ति जताई और महिला की संपत्ति पर अपना अधिकार जताया. कोर्ट ने अपनी जाँच में पाया कि दत्तक पिता के पास कोई वैध सबूत नहीं है जिसके बाद यह निर्णय लिया गया.
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हाई कोर्ट ने माँ को माना हकदार
मृतका अविवाहित थी और उसके पिता की पहले से मौत हो चुकी थी. इसलिए हाईकोर्ट ने माँ को ही संपत्ति का हकदार बनाया और उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 और 16 के अनुसार यह फैसला लिया. ज्योति की कुल मिलाकर 26.57 संपत्ति थी जिसमे सैलेरी अकाउंट, फिक्सड डिपॉजिट,सेविंग अकाउंट और बीमा पॉलिसियों की रकम सम्मिलित थी. यह पूरी रकम महिला की माँ को प्राप्त होगी.
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