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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं, वीरेंद्र और रोहित तोमर, की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गंभीर आपराधिक मामलों में फरार चल रहे इन दोनों भाइयों की अग्रिम जमानत याचिका को बुधवार, 20 अगस्त 2025 को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया।
सूदखोरी, उगाही (एक्सटॉर्शन), मारपीट, और आर्म्स एक्ट जैसे आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों में वांछित तोमर बंधुओं को अब संपत्ति कुर्की का सामना करना पड़ सकता है। विशेष सीबीआई अदालत में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी चार संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया है, जिसके लिए कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं।
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दो महीने से फरार, पुलिस ने रखा इनाम
वीरेंद्र और रोहित तोमर पिछले दो महीनों से पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. लाल उमेद सिंह ने दोनों भाइयों पर 5,000-5,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस ने कई बार छापेमारी की कोशिश की, लेकिन दोनों भाई फरार रहने में कामयाब रहे।
उनकी लगातार फरारी को देखते हुए पुलिस ने कोर्ट से उनकी संपत्ति कुर्क करने की मांग की थी, जिसे विशेष अदालत ने मंजूरी दे दी। अब तहसीलदार को इन संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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कुर्क की जाने वाली संपत्तियां
तहसीलदार प्रवीण परमार ने बताया कि तोमर बंधुओं की चार संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश प्राप्त हुआ है। इनमें भाठागांव में स्थित साईं विला मकान और उससे जुड़ी जमीन शामिल है। इसके अलावा, रायपुर के आसपास की उनकी तीन अन्य जमीनें भी कुर्की की प्रक्रिया में शामिल हैं।
इन संपत्तियों की कुर्की के लिए औपचारिक कार्रवाई गुरुवार, 21 अगस्त 2025 को कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद शुरू होगी। इस सुनवाई में कुर्की प्रक्रिया की तारीख और प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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बचाव पक्ष की आपत्ति और कोर्ट की सुनवाई
तोमर बंधुओं के वकील ने संपत्ति कुर्की के आदेश पर कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि उन्होंने 18 अगस्त को कुर्की आदेश के खिलाफ आवेदन दायर किया था, जिस पर 20 अगस्त को सुनवाई होनी थी। वकील का तर्क है कि बिना उनके पक्ष को सुने संपत्ति कुर्की का आदेश जारी करना न्यायसंगत नहीं है।
इस आपत्ति पर विचार करने के लिए विशेष अदालत में गुरुवार को सुनवाई निर्धारित की गई है। यह सुनवाई तोमर बंधुओं के लिए आखिरी मौका हो सकता है, क्योंकि अगर कोर्ट ने कुर्की आदेश को बरकरार रखा, तो उनकी संपत्तियों पर तहसीलदार की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
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तोमर बंधुओं का आपराधिक इतिहास
वीरेंद्र और रोहित तोमर लंबे समय से रायपुर और आसपास के इलाकों में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। इनके खिलाफ दर्ज मामलों में सूदखोरी, जबरन उगाही, मारपीट, और अवैध हथियारों का उपयोग (आर्म्स एक्ट) जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तोमर बंधुओं ने स्थानीय व्यापारियों और आम लोगों को डराने-धमकाने का एक संगठित नेटवर्क बनाया था। उनकी आपराधिक गतिविधियों के चलते उन्हें हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया है, और अब उनकी फरारी ने पुलिस और प्रशासन को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।
पुलिस और प्रशासन की रणनीति
एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि तोमर बंधुओं की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार काम कर रही हैं। उनकी फरारी को खत्म करने और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए संपत्ति कुर्की जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
पुलिस ने संकेत दिए हैं कि अगर दोनों भाई जल्द सरेंडर नहीं करते, तो उनके खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें गैर-जमानती वारंट और अन्य कानूनी उपाय शामिल हो सकते हैं।
कुर्की प्रक्रिया: क्या होती है और इसका प्रभाव
संपत्ति कुर्की का मतलब है कि अदालत के आदेश पर किसी व्यक्ति की संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है, ताकि वह उसका उपयोग या बिक्री न कर सके। यह प्रक्रिया आमतौर पर तब अपनाई जाती है, जब कोई व्यक्ति फरार होता है और कानूनी प्रक्रिया में सहयोग नहीं करता।
तोमर बंधुओं की संपत्तियों की कुर्की से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि यह अन्य फरार अपराधियों के लिए भी एक सख्त संदेश होगा। तहसीलदार प्रवीण परमार ने बताया कि कुर्की प्रक्रिया पूरी तरह से कानून के दायरे में होगी, और कोर्ट के निर्देशानुसार सभी कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
रायपुर और भाठागांव के स्थानीय निवासियों में तोमर बंधुओं की फरारी और उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा जोरों पर है। कई लोग मानते हैं कि इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई से क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। अब कोर्ट और पुलिस की कार्रवाई से उन्हें राहत की उम्मीद है।
कानून से कोई नहीं बच सकता
पुलिस तोमर बंधुओं की तलाश में अपनी छापेमारी और तेज कर सकती है। इस मामले ने न केवल रायपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में आपराधिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को और मजबूत किया है।तोमर बंधुओं का यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि कानून से कोई नहीं बच सकता।
उनकी जमानत याचिका खारिज होने और संपत्ति कुर्की के आदेश ने साफ कर दिया है कि प्रशासन और न्यायपालिका गंभीर अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को तैयार है। अब सभी की नजरें गुरुवार की सुनवाई और उसके बाद की कार्रवाई पर टिकी हैं।
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