छत्तीसगढ़ में अरुणपति त्रिपाठी को ACB रिमांड पर भेजा, न्यायिक अभिरक्षा में अनवर और अरविंद

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में ACB की टीम अरुणपति त्रिपाठी को लेकर आई। इसके बाद अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को लाया गया। अरविंद सिंह ने अदालत के सामने इच्छा मृत्यु की मांग रखी।

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Rahul Garhwal
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Arunpati Tripathi remanded in Chhattisgarh Anwar and Arvind in judicial custody
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Chhattisgarh Liquor Scam

शिव शंकर सारथी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में आज दोपहर सबसे पहले आरोपी अरुणपति त्रिपाठी को लेकर ACB की टीम आई। अरुणपति के बाद अनवर ढेबर और अरविन्द सिंह को लाया गया। तीनों ही हाई प्रोफाइल हैं और घोटाला करोड़ों का, शायद इसलिए ACB और जिला पुलिस के जवानों की बड़ी संख्या अदालत में दिखी। आज अरविन्द सिंह ने एक अनोखी मांग भी अदालत के सामने रखी। उसने कहा कि मुझे इच्छा मृत्यु दी जाए। अदालत ने इस मांग पर बेरुखी दिखाई और कहा फिलहाल मामला लिकर स्कैम का है ना कि जीने मरने का।

केस और अदालती फैसला

सभी आरोपियों को निधि शर्मा तिवारी, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। लिकर स्कैम की कहानी पर प्रवर्तन निदेशालय ने लम्बी जांच की है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से आईएएस अनिल टूटेजा और अन्य के पक्ष में नो कोरेसीव (दंडात्मक कार्यवाही नहीं) का फैसला आया और बाद में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाई गई धारा PMLA ही खारिज हो गई। PMLA से जुड़ी धाराओं के साथ ही धारा-120 B भी चार्जशीट में लिखी गई थी। धन शोधन और मनी ट्रेल की कहानी में 120 B के चलते प्रवर्तन निदेशालय की खासी किरकिरी हुई है।

छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी ED का प्लान-B

द सूत्र पहले ही ये बता चुका है कि छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी ED का प्लान-B सरीखा है। केंद्र की जांच एजेंसियां कुछ सालों से बेहतर तालमेल के साथ काम करते दिख रही हैं। आय के स्रोत से अधिक कैश गोल्ड आदि का जिक्र है। आईएएस विवेक ढांड, आईएएस अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया आईपीएस जीपी सिंह का नाम उस पत्र में है। पत्र में डिजिटल साक्ष्य, साक्ष्य को डिलीट किया गया, जैसे बहुत से तथ्य हैं। पत्र के आधार पर इस समाचार में लिखे गए नाम कुछ अभी लिकर स्कैम में नहीं है। लेकिन, कोयला परिवहन घोटाला, लिकर स्कैम और महादेव सट्टा एप के आरोपियों में चुनिंदा हाई प्रोफाइल नामों का होना महज इत्तेफाक नहीं बल्कि सबकुछ सबूतों के आधार पर किया जा रहा है, मालूम पड़ता है।

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अरुणपति त्रिपाठी को रिमांड पर भेजा

बहरहाल, सूत्रों के मुताबिक अरविन्द सिंह को जांच अधिकारियों ने पीटा है, ऐसी खबरें हैं। अदालती सूत्रों का कहना है कि बिना सुबूतों के गिरफ्तारी की गई है और बार-बार रिमांड भी ली जा रही है। वहीं सूचना के अधिकार से निकले पेपर्स कहते हैं कि राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है। अदालती सूत्र ने कहा कि यदि लिकर स्कैम है तो शराब कारोबारियों को अरेस्ट क्यों नहीं किया जा रहा है। इधर, आज शाम अदालत ने 2 मई तक अनवर ढेबर और अरविन्द सिंह की न्यायिक अभिरक्षा मंजूर की है। वहीं ACB की मांग पर अरुणपति त्रिपाठी की रिमांड पर कोर्ट ने मंजूरी दी है। त्रिपाठी 25 अप्रैल 2024 तक ACB की रिमांड पर होंगे।

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