छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला में आरोपी अरविंद सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। इसके बावजूद अरविंद सिंह को जेल में ही रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह जमानत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी है, जबकि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की एफआईआर मामले में अभी जेल में रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल और अधिवक्ता शशांक मिश्रा ने अरविंद सिंह की पैरवी की।
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ईडी के सबूतों को अपर्याप्त माना
शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज अभय एस ओका और जज उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद सिंह के विरुद्ध ईडी द्वारा दर्ज मामले में अरविंद सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश सबूतों को अपर्याप्त माना और कहा कि बिना ठोस सबूत हिरासत में रखना ठीक नहीं है। साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी की कि ईडी बिना पुख्ता सबूत के आरोप लगाने का तरीका गलत अपना रही है। लिहाजा, अरविंद सिंह को जमानत दी जाती है।
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आरोपियों से पूछताछ में नहीं मिले कई जवाब
शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत के बावजूद अरविंद सिंह को राहत नहीं मिल सकी है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्लयू) द्वारा दर्ज प्राथमिकी से संबंधित मामले में जमानत नहीं मिलने के कारण अभी जेल से बाहर नहीं आएंगे।
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अरविंद और अनवर साथ हुए थे गिरफ्तार
अरविंद सिंह और रायपुर के तत्कालीन मेयर के भाई अनवर ढेबर को ईडी ने इसी मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में दोनों आरोपियों को कोर्ट ने 4 दिन की रिमांड पर भेजा था। उधर, ईडी का दावा है कि आरोपियों से पूछताछ में अभी कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। इसके कारण आरोपी को इस मामले में अरविंद सिंह को जेल में ही रहना होगा।
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