Bageshwar Dham Pandit Dhirendra Shastri : बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री का आशीर्वाद लेने पहुंचे भक्त के एक लाख रुपए पार होने का मामला सामने आया है। भक्त पेशे से ठेकेदार है और धीरेंद्र शास्त्री के आसपास मौजूद भीड़ में से अज्ञात जेबकतरे ने उनकी जेब पर हाथ साफ कर दिया। घटना कांकेर के अलबेलापरा की है।
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500-500 की दो गड्डियां रखी थीं जेब में
जानकारी के अनुसार बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पिछले दिनों कांकेर में कथा आयोजित की गई थी। इसके लिए वह हेलीकॉप्टर से कांकेर आए थे। वहां पर अलबेलापारा में उनके हेलीकॉप्टर के लिए अस्थाई हेलीपेड बनाया गया था। धीरेंद्र शास्त्री का आशीर्वाद लेने के लिए ठेकेदार गोलू ठाकुर भी पहुंचे थे।
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गोलू ठाकुर की साइट भी अलबेलापारा के पास ही चल रही थी। उन्हें साइट पर लेबर का भुगतान करना था। इसके लिए उन्होंने अपनी जेब में 1 लाख रुपए रखे थे। धीरेंद्र शास्त्री के रामनगर पहुंचने पर गोलू ठाकुर उनका आशीर्वाद लेने के लिए कोशिश करने लगे।
बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री के आसपास बहुत भीड़ थी। इसी भीड़ में मौके का फायदा अज्ञात जेबकतरे ने उठा लिया। उसने ठेकेदार गोलू ठाकुर की जेब से एक लाख रुपए पार कर दिए। घटना 4 नवंबर की बताई जा रही है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
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धर्मांतरण समाज के लिए नक्सलवाद से भी बड़ा खतरा
छत्तीसगढ़ के कांकेर में आयोजित एक कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने धर्मांतरण को लेकर कठोर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि धर्मांतरण समाज के लिए नक्सलवाद से भी बड़ा खतरा है। उनके अनुसार, नक्सलवाद केवल व्यक्ति विशेष को निशाना बनाता है, जबकि धर्मांतरण पूरे समाज को प्रभावित करने का प्रयास करता है, जिससे इसकी रोकथाम अत्यंत आवश्यक है।
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धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि वे इसके खिलाफ देशभर में पद यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ के बस्तर और जशपुर में जल्द ही कथावाचन करने का भी ऐलान किया है।
धर्मांतरण के खिलाफ एकजुटता का आह्वान
धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि हिंदू समाज में एकजुटता की कमी है और उनका प्रयास अपने समाज को जागरूक करना और संगठित करना है। उन्होंने मिशनरी स्कूलों में बच्चों को भेजने के बजाय गुरुकुल शिक्षा पद्धति पर ध्यान केंद्रित करने पर भी जोर दिया।
हिंदू धर्म में 11 परिवारों की वापसी
कार्यक्रम के दौरान 11 परिवारों ने, जो पहले मिशनरी समाज में शामिल हो गए थे, पंडित धीरेंद्र शास्त्री के मार्गदर्शन में पुनः हिंदू धर्म में वापसी की। शास्त्री ने कांकेर से अपने पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए बताया कि वे पहले भी पहाड़ा वाली मां भुनेश्वरी के दरबार में महायज्ञ में शामिल हो चुके हैं और यहां से उनका गहरा नाता रहा है। धीरेंद्र शास्त्री के इन बयानों ने राज्य में धर्मांतरण और हिंदू समाज में एकजुटता को लेकर नई चर्चा छेड़ दी है।