बलौदाबाजार हिंसा : बलौदाबाजार हिंसा के लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस और प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। बघेल ने कहा कि बलौदाबाजार पुलिस पकड़े गए लोगों से मारपीट कर कह रही है कि हिंसा में बड़े कांग्रेस नेताओं का भी नाम लो, जबकि प्रदर्शनकारियों को रैली की परमिशन और उन्हें खाना खिलवाने में वहां के बीजेपी नेताओं का नाम सामने आया है।
पुलिस खुद पत्थर फिंकवाकर वीडियो बनवा रही
भूपेश ने मीडिया को एक आवेदन भी बताया जिसको उन्हें गुरुवार को गिरफ्तार कैलाश नवरंगे के परिजन ने दिया है। भूपेश बघेल के अनुसार आवेदन में यह तो लिखा ही है, साथ में यह भी कहा गया है कि पुलिस कैलाश नवरंगे को बलौदाबाजार के कलेक्टोरेट ले जाती है और उसे डंडा घुमाने के लिए कहा जाता है। नवरंगे से पत्थर भी फिंकवाए जाते हैं और उसकी वीडियोग्राफी कराई जाती है ताकि यह साबित किया जा सके कि हिंसा में वह शामिल था।
ये खबर भी पढ़ें...
शराब घोटाले का यूपी लिंक , अनवर ढेबर की मेरठ कोर्ट में पेशी , एसटीएफ ने मांगी 14 दिन की रिमांड
प्रायोजित दमनचक्र पर फौरन रोक लगानी चाहिए
पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निवास पर प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला और प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर भी मौजूद थे। मीडिया से बात करते हुए भूपेश ने कहा कि बलौदाबाजार में सरकार के प्रायोजित दमनचक्र पर फौरन रोक लगानी चाहिए। भूपेश ने बीजेपी के कुछ नेताओं का नाम लेकर आरोप लगाया कि उन्होंने आंदोलनकारियों का खुला साथ दिया पर पुलिस उनके नाम दबा रही है।
बलौदाबाजार हिंसा की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए
भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि पवित्र जैतखंभ के अपमान पर समाज के लोग अब भी असली आरोपियों को छोड़ने और फर्जी लोगों को पकड़ने की बात कह रहे हैं, जबकि पुलिस ने उस मामले की जांच ही बंद कर दी है। भूपेश ने मांग की है कि बलौदाबाजार हिंसा की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि असली आरोपियों पर कार्रवाई की जा सके और निर्दोष लोगों को टारगेट कर उनसे मारपीट करने का सिलसिला हो।