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छत्तीसगढ़ के रायपुर संभाग में भारतमाला प्रोजेक्ट से जुड़े मुआवजा घोटाले की 164 शिकायतों की जांच अब अंतिम चरण में है। लंबे समय से जांच में देरी को लेकर संभागायुक्त महादेव कांवरे ने सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को 15 अगस्त 2025 तक हर हाल में जांच रिपोर्ट सौंपने का कड़ा निर्देश दिया है।
सोमवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में संभागायुक्त ने स्पष्ट चेतावनी दी कि समय सीमा का पालन न करने वाले जांच अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अनुविभागीय दंडाधिकारियों (एसडीएम) को भी जवाबदेही का सामना करना पड़ेगा।
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जांच में देरी पर संभागायुक्त की नाराजगी
भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा देने में बड़े पैमाने पर की गई गड़बडी की शिकायतें आई तो इसकी जांच के लिए चार जांच समितियों बना दी गई। हालांकि, दो बार समय सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद जांच पूरी नहीं हो सकी, जिससे संभागायुक्त ने कड़ा रुख अपनाया।
बैठक में जांच समिति के सदस्यों ने बताया कि तहसील स्तर पर आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जा रहे, जिसके कारण जांच प्रक्रिया में बाधा आ रही है। इस पर संभागायुक्त ने सभी एसडीएम को तत्काल दस्तावेज उपलब्ध कराने और किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि दस्तावेजों की कमी के कारण जांच रुकी, तो संबंधित एसडीएम पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
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हर शिकायत की व्यक्तिगत जांच का आदेश
संभागायुक्त ने जांच समितियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 164 शिकायतों में से प्रत्येक की व्यक्तिगत जांच रिपोर्ट तैयार की जाए। इन रिपोर्ट्स में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करना अनिवार्य होगा।
शिकायत की प्रकृति और उसमें फर्जीवाड़े की पुष्टि।
फर्जीवाड़े में शामिल व्यक्तियों या संस्थाओं का विवरण।
शिकायत के निराकरण की प्रक्रिया और उसका परिणाम।
दोषियों के खिलाफ प्रस्तावित कार्रवाई।
इस पारदर्शी प्रक्रिया का उद्देश्य न केवल फर्जी मुआवजा प्राप्त करने वालों की पहचान करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि जांच प्रक्रिया में कोई खामी न रहे। संभागायुक्त ने जोर देकर कहा कि यह जांच न केवल दोषियों को दंडित करने के लिए है, बल्कि आम जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास बहाल करने के लिए भी जरूरी है।
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भारतमाला घोटाला क्या है मामला?
भारतमाला परियोजना, जो भारत सरकार की महत्वाकांक्षी सड़क निर्माण योजना है, के तहत छत्तीसगढ़ में जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई थीं। इनमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुआवजा लेने, गलत व्यक्तियों को भुगतान, और नियमों की अनदेखी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
इन शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने चार जांच समितियों का गठन किया था, जिन्हें मुआवजा वितरण की पूरी प्रक्रिया की जांच करने और दोषियों की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
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प्रशासन का सख्त रुख, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
संभागायुक्त महादेव कांवरे ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इस मामले में न केवल फर्जीवाड़े में शामिल व्यक्तियों पर कार्रवाई होगी, बल्कि जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, "यह जनहित का मामला है। मुआवजा घोटाले की जड़ तक पहुंचकर दोषियों को सजा दी जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।"
जांच में बाधाएं और समाधान
जांच समिति के सदस्यों ने बताया कि तहसील स्तर पर दस्तावेजों की अनुपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती है। कई मामलों में भूमि रिकॉर्ड, मुआवजा वितरण के दस्तावेज, और संबंधित फाइलें समय पर उपलब्ध नहीं हो रही हैं। इस पर संभागायुक्त ने सभी तहसील कार्यालयों को तत्काल दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जांच प्रक्रिया में कोई प्रशासनिक बाधा न आए।
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी
भारतमाला प्रोजेक्ट जैसे बड़े राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में मुआवजा वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इस घोटाले की जांच न केवल दोषियों को दंडित करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह उन प्रभावित लोगों के लिए भी न्याय का रास्ता खोलेगा, जिनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी। साथ ही, यह कदम भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए एक मजबूत प्रशासनिक ढांचा तैयार करने में भी मदद करेगा।
अगले कदम और अपेक्षाएं
जांच समितियों से अपेक्षा है कि फर्जीवाड़े के मामलों की पहचान कर सुझाव भी देगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है। संभागायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच के बाद दोषी पाए गए व्यक्तियों और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन, वित्तीय दंड, और आपराधिक मुकदमे तक शामिल हो सकते हैं।
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