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रायपुर : कोयला घोटाले की आरोपी निलंबित आईएएस रानू साहू को भी भारतमाला प्रोजेक्ट में मोटा मुआवजा मिला है। यह मुआवजा उनको अपने कलेक्टर पति की मेहरबानी और गड़बड़ी की बदौलत मिला। कलेक्टर पति ने प्रोजेक्ट के पास की 15 एकड़ जमीन गड़बड़ी कर अलग अलग हिस्सों में पत्नी रानू साहू के नाम कर दी। भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी का नया खुलासा है। 11 जिलों में चल रहे इस प्रोजेक्ट के भ्रष्टाचार की जांच में कई नए मामले सामने आए हैं। सरकार के सामने पूरे दस्तावेज के साथ यह नई शिकायत आई है। भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार को लेकर अब तक 150 शिकायतें सामने आ चुकी हैं। आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला।
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कलेक्टर पति ने पत्नी को दान में दी साढ़े छह हेक्टेयर जमीन
रायपुर से विशाखापट्नम के बीच भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे एक्सप्रेस वे में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कई मामले तो ऐसे हैं जो हैरान करने वाले हैं। इसमें सिर्फ व्यापारियों और नेताओं ने ही नहीं आईएएस अफसरों ने भी खूब माल कूटा है। गरियाबंद के तत्कालीन कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने मोटा मुआवजा पाने के लिए एक बड़ा फर्जीवाड़ा किया। इस बात की शिकायत कमिश्नर रायपुर को मिली है। इस शिकायत के अनुसार कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने अपनी पत्नी रानू साहू के नाम पर साढ़े छह हेक्टेयर यानी करीब 15 एकड़ कृषि भूमि दान में दे दी। गरियाबंद के ग्राम देहरगुड़ा की इस साढ़े हेक्टेयर जमीन को तीन टुकड़ों में बांटा गया। रजिस्ट्री फीस बचाने के लिए दानपत्र बनाकर दान में दे दी और टुकड़ों में बांटकर 9 गुना ज्यादा मुआवजा ले लिया गया। गौर करने वाली बात ये भी है कि दानपत्र रजिस्टर्ड कराने के पांच दिन के अंदर नामांतरण भी करा लिया गया।
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इस तरह हुआ नामांतरण
भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का आशय पत्र 12 अप्रैल 2019 को जारी हुआ। इस आशयपत्र के एक सप्ताह बाद तत्कालीन कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने पटवारी अभिलेखों में बड़ी गड़बड़ी की। उन्होंने कृषि भूमि को छोटे टुकड़ों में कर बटांकन और नामांतरण कराया।
-रकबा 2.5 हेक्टेयर रानू साहू को 20 जून 2021 को दिया गया जिसका नामांतरण 26 जून 2021 को हो गया।
-रकबा 2 हेक्टेयर रानू साहू को 20 जून 2021 को दिया गया जिसका नामांतरण 26 जून 2021 को हो गया।
- रकबा 2 हेक्टेयर रानू साहू को 20 जून 2021 को दिया गया जिसका नामांतरण 26 जून 2021 को हो गया।
ससुराल पर भी मेहरबानी
ऐसा नहीं है कलेक्टर मौर्य ने सिर्फ पत्नी धर्म निभाया हो बल्कि पत्नी के पूरे परिवार यानी ससुराल पर भी खूब मेहरबानी की। बहती गंगा में उन्होंने भी हाथ धो लिया। ससुराल के लोगों को 40 लाख मुआवजा दिला दिया। यह मामला धमतरी के कुरुद में 9 किलोमीटर से 62 किलोमीटर तक बनने वाली सड़क में किया गया। भारतमाला प्रोजेक्ट बनने की बात सामने आने के बाद वहां पर बड़े पैमाने पर कृषि भूमि खरीदी गई। इस कृषि भूमि के भी ससुराल वालों के नाम कर कई टुकड़े किए गए और 9 गुना ज्यादा मुआवजा हथियाया गया।
- रकबा 0.0147 हेक्टेयर साली पूनम के नाम
- रकबा 0.0200 हेक्टेयर साले पीयूष के नाम
- रकबा 0.0186 हेक्टेयर ससुर अरुण के नाम
- रकबा 0.0200 हेक्टेयर सास लक्ष्मी के नाम
- रकबा 0.0400 हेक्टेयर साले की पत्नी शालिनी के नाम
इनमें कुल 40 लाख 25 हजार का मुआवजा बांटा गया है। शिकायत मिलने के बाद बाकी मुआवजा रोक लिया गया। इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद सरकार ने जमीन अधिग्रहण के संबंध में दावा आपत्तियां बुलाई हैं। इसके तहत ही सरकार के पास यह शिकायतें आ रही हैं। इस मामले की नए सिरे से जांच की जा रही है। आईएएस जयप्रकाश मौर्य कोयला घोटाले में भी आरोपी हैं। उनकी पत्नी रानू साहू पर भी कोयला घोटाले की कालिख पुती हुई है।
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