भारतमाला परियोजना की जमीन में दस्तावेजों में हेराफेरी कर घोटाला

भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। अभनपुर में भूस्वामी अरिहंत पारेख का आरोप है कि उनके दस्तावेजों में व्हाइटनर का उपयोग कर हेराफेरी की गई।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Fraud by tampering with documents in the land of Bharatmala project the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। अभनपुर में भूस्वामी अरिहंत पारेख का आरोप है कि उनके दस्तावेजों में व्हाइटनर (सफेदा) का उपयोग कर हेराफेरी की गई और करीब 1 करोड़ 36 लाख 85,506 रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया। इस घोटाले में स्थानीय किसान हृदयलाल गिलहरे के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी खाता खोलकर राशि हड़प ली गई।

ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला घोटाला में मुआवजा घपले की जांच तेज, चार नई टीमें गठित

ऐसे हुआ खेल

जांच में पता चला कि ह्दयलाल गिलहरे के नाम पर खाता खोला गया, जिसमें मुआवजा राशि जमा होते ही तुरंत निकाल ली गई और खाता बंद कर दिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि हृदयलाल को इसकी भनक तक नहीं थी। सूत्रों के मुताबिक, बुजुर्ग किसान को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया, जबकि असल भूस्वामी को मुआवजा नहीं मिला। दस्तावेजों में हेराफेरी कर हृदयलाल को भूस्वामी दिखाया गया, जबकि उनके पास इतनी बड़ी राशि का कोई हिस्सा नहीं है।

ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला में 150 संदिग्ध खाताधारकों पर जांच की तलवार, पूछताछ तेज

अधिकारियों पर सवाल

ये खबर भी पढ़ें... भारतमाला में भ्रष्टाचार की जांच EOW को सौंपी, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

अरिहंत पारेख ने तत्कालीन एसडीएम, राजस्व निरीक्षक (आरआई), पटवारी और अन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), राजस्व सचिव और कमिश्नर को दस्तावेजों के साथ शिकायत की, लेकिन फैसला उनके पक्ष में होने के बावजूद मुआवजा राशि नहीं मिली। सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों में भी इस घोटाले की पुष्टि हुई है, जिसमें रिकवरी कर असल भूस्वामी को भुगतान का आदेश शामिल है।

ये खबर भी पढ़ें... CG News | भारतमाला प्रोजेक्ट में करप्शन की नई फाइल्स, BJP के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक भी...

रसूखदारों का रैकेट सक्रिय

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और भू-अर्जन अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा राशि का भुगतान हो चुका है, लेकिन जांच में सामने आया कि इस फर्जीवाड़े में एक बड़ा रैकेट सक्रिय है, जो अधिकारियों और भूमि दलालों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का गबन कर चुका है। कई भूस्वामियों को अब तक मुआवजा नहीं मिला, और वे न्याय की आस में भटक रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि इस घोटाले के पीछे रसूखदार लोगों और अधिकारियों की सांठगांठ है। इस मामले में अभी तक किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे भूस्वामियों में आक्रोश बढ़ रहा है।

 

भारतमाला परियोजना की जमीन में दस्तावेजों में हेराफेरी | भारतमाला परियोजना की जमीन में दस्तावेजों में हेराफेरी कर घोटाला | Bharatmala Project | Fraud by tampering with documents in the land of Bharatmala project 

 

FAQ

भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण घोटाले में किस प्रकार की धोखाधड़ी की गई?
इस घोटाले में असली भूस्वामी अरिहंत पारेख के दस्तावेजों में व्हाइटनर का उपयोग कर हेराफेरी की गई और फर्जी तरीके से हृदयलाल गिलहरे को भूस्वामी दिखाया गया। उनके नाम पर पंजाब नेशनल बैंक में खाता खोलकर 1 करोड़ 36 लाख से अधिक की मुआवजा राशि निकाल ली गई और बाद में खाता बंद कर दिया गया।
इस घोटाले में किन अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं?
अरिहंत पारेख ने तत्कालीन एसडीएम, राजस्व निरीक्षक (आरआई), पटवारी और अन्य संबंधित अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इनकी लापरवाही या संलिप्तता से ही यह फर्जीवाड़ा संभव हो पाया।
पीड़ित भूस्वामियों की वर्तमान स्थिति क्या है और उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं?
कई असली भूस्वामी अब तक मुआवजा पाने से वंचित हैं और न्याय के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। घोटाले के बावजूद अभी तक किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे पीड़ितों में आक्रोश और निराशा बढ़ती जा रही है।

 

Fraud by tampering with documents in the land of Bharatmala project Bharatmala Project भारतमाला परियोजना की जमीन में दस्तावेजों में हेराफेरी कर घोटाला भारतमाला परियोजना की जमीन में दस्तावेजों में हेराफेरी भारतमाला परियोजना