भारतमाला परियोजना और डीएमएफ फंड को लेकर दोहरे विवाद: ननकी राम कंवर ने पीएम को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्नम कॉरिडोर में भू-अर्जन मुआवजा घोटाले की जांच अधूरी है। रायपुर संभागायुक्त ने चार जांच टीमों का गठन किया था

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना से जुड़े भू-अर्जन मुआवजा घोटाले की जांच धीमी गति से चल रही है। वहीं दूसरी ओर, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) फंड के कथित दुरुपयोग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बाल्को कंपनी को अनुचित लाभ देने का आरोप लगाया है। दोनों ही मामलों ने राज्य प्रशासन और परियोजना पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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भारतमाला घोटाले की जांच अधूरी

रायपुर-विशाखापट्नम इकॉनामिक कॉरिडोर के अंतर्गत आने वाले भू-अर्जन मामलों में मुआवजे को लेकर 150 से अधिक दावा-आपत्तियां प्राप्त हुई थीं। इनकी जांच के लिए संभागायुक्त महादेव कावरे ने एक माह पहले चार टीमों का गठन किया था और उन्हें सप्ताहभर में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।

हालांकि अब तक इन टीमों द्वारा रिपोर्ट पूरी नहीं की गई है। इस देरी को देखते हुए संभागायुक्त ने 4 अगस्त को बैठक बुलाई है, जिसमें सभी टीमों से स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

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टीमों की जानकारी:

जांच टीमों की अध्यक्षता अपर कलेक्टर ज्योति सिंह, उमाशंकर बंदे, निधि साहू और इंदिरा देवहारी कर रही हैं। रिपोर्ट लंबित रहने के कारण प्रभावित किसानों को अब भी जवाब का इंतजार है।

दुर्ग और राजनांदगांव में भी ऐसे ही 250 से अधिक प्रकरणों की जांच जारी है, जहां किसानों ने कम मुआवजा मिलने की शिकायतें दर्ज कराई हैं। संभागायुक्त एसएन राठौर के अनुसार, अभी तक दुर्ग संभाग में किसी तरह की स्पष्ट अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है।

डीएमएफ फंड से सड़क निर्माण पर बाल्को को लाभ पहुंचाने का आरोप

पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य के खनिज विभाग के संचालक को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि कोरबा जिला खनिज न्यास निधि (DMF) से दर्री डेम से बाल्को परसाभाटा तक सड़क निर्माण की स्वीकृति बाल्को कंपनी को अनुचित लाभ देने के उद्देश्य से दी गई है।

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उन्होंने मांग की है कि:

  • इस परियोजना की स्वीकृति तत्काल निरस्त की जाए।
  • सड़क निर्माण की राशि बाल्को कंपनी से ही वसूल कर निर्माण कार्य कराया जाए।
  • डीएमएफ फंड का उपयोग जनहितकारी योजनाओं के लिए किया जाए, न कि किसी निजी उद्योग को लाभ पहुंचाने के लिए।

ननकीराम ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि उनके पूर्व विधायकी कार्यकाल और कांग्रेस के पूर्व विधायक जयसिंह अग्रवाल के कार्यकाल में एसईसीएल से फंड लेकर जनहित में सड़कें बनवाई गई थीं।

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डीएमएफ फंड का दुरूपयोग

1. मुआवजा घोटाले की जांच अधूरी
रायपुर-विशाखापट्नम कॉरिडोर से जुड़े मुआवजा प्रकरणों की जांच के लिए गठित चारों टीमों ने अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है, जबकि एक सप्ताह में जांच पूरी करनी थी।

2. 150 से अधिक दावे लंबित
रायपुर संभाग में भूमि अधिग्रहण से जुड़ी 150 से अधिक दावा-आपत्तियों का निपटारा नहीं हुआ है, जिन्हें लेकर 4 अगस्त को समीक्षा बैठक तय की गई है।

3. दुर्ग में भी 250 से ज्यादा शिकायतें
दुर्ग और राजनांदगांव जिलों में भी भू-अर्जन मुआवजा को लेकर 250 से अधिक किसानों की आपत्तियों की जांच की जा रही है, हालांकि अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है।

4. डीएमएफ फंड को लेकर विवाद
पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बाल्को कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए डीएमएफ फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।

5. सड़क निर्माण स्वीकृति रद्द करने की मांग
ननकीराम कंवर ने मांग की है कि दर्री डेम से बाल्को तक सड़क निर्माण की स्वीकृति निरस्त कर, उसी कंपनी से राशि लेकर सड़क बनाई जाए।

भारतमाला घोटाला Bharatmala project scam

छत्तीसगढ़ में दो महत्वपूर्ण मामलों भारतमाला परियोजना के मुआवजा घोटाले और डीएमएफ फंड के कथित दुरुपयोग ने राज्य के विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को फिर से प्रमुखता से सामने ला दिया है। जहां एक ओर जांच रिपोर्टों की देरी से प्रभावितों में असंतोष है, वहीं दूसरी ओर डीएमएफ के उपयोग पर उठे सवालों ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है।

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