Bhilai Corporation Scam : पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए दुर्ग-भिलाई के नगरीय निकायों ने 5 साल में 202 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, लेकिन प्रदूषण को कंट्रोल नहीं कर पाए। इतनी राशि खर्च करने के बाद प्रदूषण घटने के बजाए बढ़ता जा रहा है। कोरोनाकाल में पीएम 2.5 जो घटकर 60 तक पहुंच गया था, वह फिर से बढ़कर 105 तक पहुंच गया है। कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान सारी फैक्ट्रियां बंद थी।
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प्रदूषण में नहीं हुई कमी... तो कहां गए पैसे
सड़कों पर गाड़ियां नहीं दौड़ रही थी, तब शहर में प्रदूषण की मात्रा खुद ब खुद तेजी से घट गई। कोरोनाकाल से पहले हवा में प्रदूषण की मात्रा पीएम 2.5, जो अधिकतम 185 माइक्रो ग्राम प्रति मीटर क्यूब तक पहुंच गई थी, वह घटकर सीधे 60 तक आ गिरी थी। दो साल बाद प्रदूषण की मात्रा बढ़ते हुए औसतन 110 तक पहुंच गई है यानि इस दौरान प्रदूषण की मात्रा दोगुनी हो गई, जो बड़ी चिंता का विषय है।
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केंद्र से मिला था फंड
दुर्ग सांसद विजय बघेल ने लोकसभा में सवाल लगाया था, जिसके जवाब में राशि आबंटन की जानकारी दी गई। उसके अनुसार केंद्र ने स्वच्छ वायु कार्य योजना के तहत दुर्ग-भिलाई शहरी क्षेत्र को 15वें वित्त आयोग के मिलियन प्लस सिटी चैलेंज फंड और पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की प्रदूषण नियंत्रण स्कीम के तहत फंड दिया गया। 2019-20 से अब तक केंद्र सरकार ने 202 करोड़ जारी किए हैं। इसमें से सबसे ज्यादा फंड शासन ने भिलाई निगम को दिया है। 2019 से 2023-24 तक 118.35 करोड़ दिए हैं।
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