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मध्यप्रदेश में चल रहे करोड़ों रूपए के जीएसटी फर्जीवाड़ा मामले की गूंज अब छत्तीसगढ़ तक पहुंच चुकी है। भोपाल की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के रूमगा मटियाढांड क्षेत्र में छापेमार कार्रवाई करते हुए कोयला कारोबारी शेख जफर को गिरफ्तार किया है।
यह गिरफ्तारी एक ऐसे फर्जीवाड़े से जुड़ी है जिसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कई शहरों में फैले नेटवर्क के जरिए 34 करोड़ से अधिक की जीएसटी हेराफेरी की गई थी।
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गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से जुड़ा बड़ा खुलासा
पूछताछ में आरोपी शेख जफर ने कबूल किया कि उसने जीएसटी घोटाले के मास्टरमाइंड विनोद कुमार सहाय के लिए फर्जी कंपनियों के जरिए कोयले की सप्लाई और बिलिंग का काम किया। उसका कोयला डंपिंग यार्ड मरवाही क्षेत्र के मटियाढांड में है, जहां से वह कथित रूप से चोरी का कोयला छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश और वापस भेजता था। जफर की दो प्रमुख फर्में — अंबर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स, जबलपुर पते पर रजिस्टर्ड हैं लेकिन संचालन छत्तीसगढ़ से भी होता था।
छत्तीसगढ़ से हुआ फर्जी बिलिंग का संचालन
EOW की जांच में यह भी सामने आया कि जफर ने जिन कंपनियों से लेन-देन किया, उनमें कई छत्तीसगढ़ की कंपनियां शामिल थीं — जैसे भटिया कोल, खालसा कोल (बिलासपुर), हरिजिका कोल (रायगढ़), प्रकाश इंडस्ट्रीज (चांपा), MSP पॉवर प्लांट (रायगढ़) और BS सिंघल पॉवर प्लांट। इन संस्थानों तक फर्जी बिलिंग के माध्यम से माल की आपूर्ति दर्शाई गई, जबकि हकीकत में न तो कोई माल गया, न स्टॉक मिला, और न ही परिवहन का कोई रिकॉर्ड मौजूद है।
सिर्फ कागजों पर हुआ कारोबार
मास्टरमाइंड विनोद सहाय ने वर्ष 2019-20 से लेकर अब तक 23 से अधिक फर्जी कंपनियों और 150 बैंक खातों के जरिए फर्जी बिलिंग करके करोड़ों की जीएसटी क्लेम की। इन कंपनियों में से कई फर्मों — जैसे मां नर्मदा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, अभिजीत ट्रेडर्स, अंबर कोल डिपो, अनम ट्रेडर्स — से छत्तीसगढ़ के पते और नेटवर्क का उपयोग किया गया।
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करोड़ों की टैक्स चोरी, कागजों पर व्यापार
512 करोड़ रूपए की इनवॉयसिंग का दावा किया गया, लेकिन न गोदाम मिला, न कोयला, न ट्रांसपोर्ट दस्तावेज। सारा व्यापार सिर्फ दस्तावेजों पर किया गया था। यह घोटाला ना केवल राज्यों के बीच समन्वय की कमजोरी को उजागर करता है, बल्कि छत्तीसगढ़ में बिना वैध अनुमति के किए जा रहे व्यापारिक संचालन पर भी सवाल खड़े करता है।
आगे की कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में कोयला कारोबार की आड़ में इस तरह के फर्जी बिलिंग रैकेट के विस्तार की आशंका को देखते हुए अब राज्य में जीएसटी विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग और खनिज विभाग की ओर से निगरानी और सख्ती बढ़ाई जा सकती है। यह कार्रवाई राज्य की कर व्यवस्था, संसाधन चोरी और अंतर्राज्यीय आर्थिक अपराध पर कड़ी चोट मानी जा रही है।
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