छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: 28 अधिकारियों को ACB-EOW का नोटिस, कोर्ट में पेश होने का आदेश

छत्तीसगढ़ के 2200 करोड़ रूपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। ACB और EOW ने इस घोटाले में संलिप्त पाए गए 16 वर्तमान और 12 सेवानिवृत्त अधिकारियों को नोटिस जारी कर विशेष न्यायालय में 5 जुलाई को पेश होने का निर्देश दिया है।

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Harrison Masih
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Chhattisgarh liquor scam ACB-EOW issues notice to 28 officials
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Chhattisgarh liquor scam: छत्तीसगढ़ के 2200 करोड़ रूपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस घोटाले में संलिप्त पाए गए 16 वर्तमान और 12 सेवानिवृत्त अधिकारियों को नोटिस जारी कर विशेष न्यायालय में 5 जुलाई को पेश होने का निर्देश दिया है।

आश्चर्यजनक बात यह है कि इन सभी को बिना गिरफ्तारी के ही पेश होने को कहा गया है, जो कानूनी रूप से एक अहम मुद्दा बन सकता है।

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बिना गिरफ्तारी के नोटिस: कानूनी प्रक्रिया पर सवाल

इन अधिकारियों के खिलाफ MP हाईकोर्ट का 2017 का आदेश स्पष्ट करता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी के बाद ही चालान प्रस्तुत किया जाना चाहिए। बावजूद इसके, ACB और EOW ने सीधे नोटिस भेजकर इन्हें कोर्ट में तलब किया है, जिससे जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

नामजद अधिकारी – प्रशासनिक हलकों में खलबली

नोटिस पाने वाले वर्तमान और पूर्व अधिकारियों की सूची में कई वरिष्ठ और प्रभावशाली नाम शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:

नीतू नोतानी, विकास गोस्वामी, दीनकर वाशनीक, विजय सेन शर्मा, इकबाल खान, सौरभ बक्शी

जनार्दन कौरव, नोहर सिंह ठाकुर, मोहित जायसवाल, नवीन तोमर, नितिन खंडूजा

रवीश तिवारी, अशोक सिंह, सोनल नेताम, अनिमेष नेताम, अरविंद पटले, प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा आदि।

12 सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी नोटिस भेजे जा चुके हैं। सभी को 5 जुलाई को ACB-EOW की विशेष अदालत रायपुर में पेश होना है।

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2019 से 2022 के बीच हुआ घोटाला

यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच कथित तौर पर हुआ था, जब भूपेश बघेल सरकार सत्ता में थी। घोटाले में राज्य सरकार को हजारों करोड़ का राजस्व नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। इस मामले में ED, ACB, और EOW जैसी एजेंसियां समानांतर जांच कर रही हैं।

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घोटाले की जड़: अफसर-कारोबारी सिंडिकेट

इस घोटाले की मुख्य कड़ी माने जाते हैं IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन MD अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर, जिन्होंने मिलकर एक संगठित नेटवर्क के माध्यम से शराब कारोबार से जुड़ी आमदनी और सप्लाई प्रक्रिया में हेराफेरी की।

आगे की कार्रवाई 

5 जुलाई को होने वाली सुनवाई से पहले ACB-EOW पर कानूनी प्रक्रिया और गिरफ्तारी के मुद्दे को लेकर अदालत क्या रुख अपनाती है, इस पर सबकी नजरें हैं। यदि अदालत गिरफ्तारी की आवश्यकता जताती है, तो इस मामले में कई बड़े नाम जल्द कस्टडी में लिए जा सकते हैं।

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छत्तीसगढ़ का यह शराब घोटाला अब एक कानूनी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा बन गया है। अधिकारी, कारोबारी और प्रशासनिक मशीनरी की मिलीभगत के आरोपों के बीच ACB और EOW की अगली कार्रवाई राज्य की राजनीति और प्रशासन में हलचल ला सकती है।

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