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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेश बघेल की विधायकी पर खतरे की तलवार लटक रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी एक याचिका वापस ले ली, जो छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 8 मई के उस फैसले के खिलाफ थी, जिसमें उनकी विधायकी को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया गया था।
भूपेश ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि हाईकोर्ट में चल रही इस सुनवाई पर रोक लगे, क्योंकि उनका दावा था कि यह याचिका तो शुरू में ही खारिज हो जानी चाहिए थी। लेकिन अब याचिका वापस लेने से मामला फिर हाईकोर्ट में जाएगा, और उनकी विधायकी पर सवाल बरकरार हैं।
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह सारा बवाल भूपेश बघेल के भतीजे और दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल की ओर से दायर एक चुनाव याचिका की वजह से शुरू हुआ। विजय ने भूपेश पर 2018 के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता तोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भूपेश ने पाटन विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाईं। इस याचिका में भूपेश की विधायकी रद्द करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए सुनवाई जारी रखने का फैसला किया, जिसके खिलाफ भूपेश सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश की याचिका वापस लेने की इजाजत तो दे दी, लेकिन उन्हें हाईकोर्ट में जाकर इस याचिका की "मेंटेनबिलिटी" यानी स्वीकार्यता पर सवाल उठाने की छूट भी दी। आसान भाषा में कहें तो कोर्ट ने कहा कि पहले यह तय हो कि यह याचिका सुनवाई के लायक है भी या नहीं।
जब तक यह साफ नहीं हो जाता, तब तक हाईकोर्ट इस मामले की मेरिट (मूल तथ्यों) पर कोई सुनवाई नहीं करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के पुराने आदेश में की गई कोई टिप्पणी भूपेश के नए आवेदन पर असर नहीं डालेगी। यानी भूपेश को हाईकोर्ट में एक नया मौका मिलेगा अपनी बात रखने का।
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भतीजे बनाम चाचा, पारिवारिक जंग या राजनीतिक खेल?
यह मामला न सिर्फ कानूनी, बल्कि पारिवारिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी चर्चा में है। विजय बघेल, जो भूपेश के भतीजे हैं, बीजेपी के टिकट पर सांसद हैं। उनके इस आरोप ने न केवल भूपेश की विधायकी को खतरे में डाला है, बल्कि बघेल परिवार की आपसी कलह को भी उजागर किया है। बीजेपी इस मामले को भूपेश और कांग्रेस के खिलाफ बड़ा हथियार बना रही है, जबकि कांग्रेस इसे राजनीतिक साजिश बता रही है।
क्या होगा भूपेश का भविष्य?
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की सियासत में एक बड़ा नाम हैं। 2018 में उन्होंने कांग्रेस को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन अब उनकी विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। अगर हाईकोर्ट में विजय बघेल की याचिका सही साबित हुई, तो भूपेश की विधायकी जा सकती है। दूसरी तरफ, भूपेश के समर्थकों का कहना है कि यह बीजेपी की बदले की राजनीति है, और वे हाईकोर्ट में मजबूती से अपनी बात रखेंगे।
भूपेश को साबित करना होगा याचिका बेबुनियाद
अब सारा दारोमदार छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट पर है, जो इस मामले में इलेक्शन ट्रिब्यूनल की तरह काम कर रहा है। भूपेश को यह साबित करना होगा कि विजय की याचिका बेबुनियाद है। अगर वे ऐसा करने में नाकाम रहे, तो उनकी सियासी राह मुश्किल हो सकती है। फिलहाल, यह मामला न सिर्फ छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचा रहा है, बल्कि बघेल परिवार की इस जंग ने आम लोगों की भी उत्सुकता बढ़ा दी है।
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