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रायपुर : छत्तीसगढ़ की सियासत का पारा इन दिनों बेहद चढ़ा हुआ है। भूपेश बघेल और बीजेपी के बीच की लड़ाई अब ईडी से अडानी तक पहुंच गई है। भूपेश बघेल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम खुला पत्र लिखकर बीजेपी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बघेल एक्स पर पोस्ट के जरिए कहा कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में हो रहे घोटालों, छत्तीसगढ़ को अडानीगढ़ बनाने के उनके प्रयासों, उनके द्वारा गोद लिए गए सुपर सीएम के संरक्षण में हो रहे घपलों और पनामा पेपर्स में दर्ज हो रहे अभिषेक सिंह सहित दामाद पुनीत गुप्ता के कारनामों को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने घर-घर तक पहुँचाना शुरू किया, तो यह लोग षड्यंत्र पर उतर आए। वन मंत्री केदार कश्यप ने इसका पलटवार किया। कश्यप ने कहा कि हसदेव की कटाई की अनुमति केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सरकार ने दी थी। अब भूपेश बघेल झूठ बोल रहे हैं। जबकि वे खुद भी पेड़ कटाई के जिम्मेदार हैं।
भूपेश ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा खुला पत्र
भूपेश ने लिखा कि अब तुम्हारे हवाले ये लड़ाई साथियों। भूपेश ने एक्स पर एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें अडानी और सीएम विष्णुदेव साय की मुलाकात है। उन्होंने लिखा कि 12 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री निवास, रायपुर में यह वो तस्वीर है जिसके लिए अडानी को 5 वर्ष प्रतीक्षा करनी पड़ी। यह लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है। यह लड़ाई हमारी साझी है। यह लड़ाई छत्तीसगढ़ बचाने की है। ये आप लोगों से तब भी डरते थे।
इनको पता था कि भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव सहित सभी कांग्रेस नेताओं के पीछे आप सब लोग खड़े हैं। इसलिए जब ये आपसे नहीं लड़ पाए तो इन्होंने एक झूठे मामले में मेरे परिवार को तब भी निशाना बनाया। मैं अपनी दिवंगत मां को लेकर सपरिवार मई 2017 में EOW ऑफिस पहुंचा था। इस दौरान मेरी स्वर्गीय मां की तबियत भी बिगड़ी थी और उन्हें रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था।
इन्हें तब भी लगा था कि भूपेश बघेल की मां को बुला लिया है अब तो यह डर जाएगा, परिवार पर संकट यह झेल नहीं पाएगा। लेकिन हम सबने अपनी लड़ाई उसी धार से बरकरार रखी। उसके बाद इन्होंने एक प्रयास फिर विधानसभा चुनाव 2018 से पहले मुझे स्वयं को जेल भेजकर भी किया। फिर भी इनके हाथ हताशा ही लगी। जनता ने 2018 के विधानसभा चुनाव में इन्हें बुरी तरह भूल चटा दी। भाजपा की सत्ता जाने के साथ अडानी का सपना भी टूटा था।
2018 के बाद जब कांग्रेस की सरकार बनी तो बैलाडीला में हमने अडानी समूह को दी गई खनन परियोजना को रद्द किया था। क्योंकि इसके लिए जो ग्राम सभा की सहमति ली गई थी वह फर्जी थी। हमारी सरकार को बदनाम करने के लिए एक के बाद एक षड्यंत्र जारी रहे। तब से लेकर आजतक संघर्ष जारी है। राज्य में एजेंसियों को बसा दिया गया। विष्णुदेव का शपथ ग्रहण भले ही हुआ हो लेकिन अडानी छत्तीसगढ़ का मालिक होने की शपथ ले चुका है।
बिट्टू का तो सियासत से लेना देना नहीं है
भूपेश बघेल ने बताया कि उस दिन 18 जुलाई को बिट्टू का जन्मदिन भी था। घर पर सब इकट्ठा थे। उसके दोस्त यार भी। बिट्टू अकेला बेटा भी है तो सभी लोगों का भरपूर स्नेह उसको सदैव मिला है। आप सब भी जब कभी मेरे घर आए होंगे तो आपको बिट्टू या तो आपका स्वागत करते मिला होगा या फिर खेती-किसानी का काम या फिर अपनी उगाई गई फसलों की बातें करते। वह दूर-दूर तक राजनीति में नहीं है।
उसको जो सजा मिली वो सिर्फ इसलिए क्योंकि उसके पिता अडानी के आगे झुके नहीं। जब मैं उससे मिलने ED कार्यालय गया तो मैंने कहा कि आज तुम्हारे दादा जी होते तो तुम्हें देखकर बहुत प्रसन्न होते। उनके जीवन का अधिकांश समय न्याय की लड़ाई लड़ते हुए जेल में बीता है। मैंने बिट्टू को कुछ पुस्तकें दी हैं, उन्हें वह पढ़ेगा। ख़ैर, न्यायालय में यह प्रकिया जारी रहेगी। हम सब जाँच एजेंसियों को पूरा सहयोग भी करेंगे।
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22 जुलाई को प्रदेश की आर्थिक नाकाबंदी
बघेल ने कहा कि 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी का आवाह्न किया गया है। हम सबको मिलकर यह बताना है कि अडानीकरण के ख़िलाफ़ पूरा छत्तीसगढ़ एकजुट होकर खड़ा है। कवासी लखमा, देवेंद्र यादव को जेल में डालकर कांग्रेस को आप डरा नहीं सकते।
अंत में आप सबसे यह कहना चाहूँगा कि भूपेश बघेल और कांग्रेसजन यह लड़ाई आज से नहीं कई सालों से लड़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ को बचाने की इस लड़ाई में हमें जो भी क़ुर्बानी देनी होगी, हम देंगे। अडानी भगाओ छत्तीसगढ़ बचाओ।
बीजेपी का पलटवार
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, जब साल 2010 में मनमोहन सिंह PM थे। कांग्रेस की सरकार थी, तब छत्तीसगढ़ के जंगलों को काटकर खदान बनाने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि, कोयला मंत्रालय, पर्यावरण और वन मंत्रालय ने हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया था। उस समय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश थे। उन्होंने ही हसदेव को गो जोन बना दिया।
मंत्री कश्यप ने कहा कि, 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडाणी को दो बड़ी खदाने गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। भूपेश बघेल पूरी तरह झूठ बोल रहे हैं।
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