छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों के नाम से 'प्राथमिक शाला' शब्द जल्द ही गायब हो जाएगा। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर विद्यालयों को आपस में मर्ज कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद स्कूलों के नाम में केवल उच्चतम कक्षा का स्तर ही दर्शाया जाएगा।
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कक्षा 5 तक के स्कूल ही 'प्राथमिक शाला'
प्रदेश के किसी स्कूल में अगर पहली कक्षा से 12 तक पढ़ाई होती है तो उस स्कूल का नाम 'हायर सेकंडरी' या 'उच्चतम' विद्यालय होगा। इसी तरह, कक्षा 10 तक पढ़ाई वाले स्कूल 'हाईस्कूल' और कक्षा 8 तक पढ़ाई वाले स्कूल 'माध्यमिक' कहलाएंगे। केवल उन स्कूलों में, जहां सिर्फ कक्षा 5 तक पढ़ाई होती है, 'प्राथमिक शाला' शब्द बरकरार रहेगा। हालांकि, रायपुर सहित प्रदेश के ज्यादातर जिलों में ऐसे स्कूलों की संख्या न के बराबर है, जिसके चलते 'प्राथमिक शाला' शब्द धीरे-धीरे इतिहास बन जाएगा।
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यूडायस कोड में भी बदलाव
मर्ज किए गए स्कूलों का यूडायस कोड भी अब एक होगा। यदि किसी परिसर में प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकंडरी स्कूल संचालित हैं, तो हायर सेकंडरी का यूडायस कोड ही मान्य होगा। सूत्रों के मुताबिक, नाम परिवर्तन और नए यूडायस कोड की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नए शैक्षणिक सत्र से पहले आधिकारिक रिकॉर्ड भी अपडेट कर लिए जाएंगे।
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अंकसूची और दस्तावेजों में भी नया नाम
यह बदलाव सिर्फ स्कूलों की नेमप्लेट तक सीमित नहीं रहेगा। विद्यार्थियों की अंकसूची, शासकीय दस्तावेज और अन्य रिकॉर्ड में भी स्कूल का नया नाम दर्ज होगा। वर्तमान में स्कूलों की नेमप्लेट पर पुराने नाम ही हैं, लेकिन रिकॉर्ड अपडेट होने के बाद नई नेमप्लेट लगाई जाएगी, जिसमें नया नाम और यूडायस कोड अंकित होगा। यह कदम स्कूलों के प्रशासनिक ढांचे को और सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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