फर्जी EWS सर्टिफिकेट केस: बीजेपी नेता की भतीजी सहित 3 छात्राओं का MBBS एडमिशन रद्द

बिलासपुर में तीन छात्राओं का MBBS एडमिशन फर्जी EWS सर्टिफिकेट के कारण रद्द कर दिया गया। छात्राओं ने फर्जी दस्तावेजों की मदद से मेडिकल कॉलेज की सीटें हथियाईं।

author-image
Harrison Masih
New Update
bilaspur-mbbs-admission-fake-ews-certificate the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Bilaspur MBBS admission scam: बिलासपुर जिले में तीन छात्राओं का MBBS एडमिशन फर्जीवाड़ा सामने आने के कारण रद्द कर दिया गया है। यह मामला तब सामने आया जब डीएमई (संचालक चिकित्सा शिक्षा) ने मेडिकल कॉलेज प्रवेश प्रक्रिया के दौरान छात्राओं के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन तहसील में कराया।

तीनों छात्राओं- सुहानी सिंह, श्रेयांशी गुप्ता और भाव्या मिश्रा ने फर्जी EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाणपत्र बनवाकर NEET (UG) परीक्षा पास की और मेडिकल कॉलेजों में MBBS सीट हासिल की।

ये खबर भी पढ़ें... MBBS सीट के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा: 3 छात्राओं ने फर्जी EWS सर्टिफिकेट से हासिल की मेडिकल सीटें

छात्राओं का विवरण और पृष्ठभूमि

  • सुहानी सिंह: पिता सुधीर कुमार सिंह, सीपत रोड, लिंगियाडीह निवासी।
  • श्रेयांशी गुप्ता: सरकंडा निवासी, बीजेपी नेता और उत्तर मंडल अध्यक्ष सतीश गुप्ता की भतीजी।
  • भाव्या मिश्रा: पिता सूरज कुमार मिश्रा, सरकंडा निवासी।

तीनों छात्राओं ने तहसील से EWS प्रमाणपत्र जारी होने का दावा कर NEET काउंसलिंग में हिस्सा लिया और आरक्षित कोटे के तहत सीटें हथियाईं।

ये खबर भी पढ़ें... भाजपा नेता की भतीजी ने फर्जी सर्टिफिकेट से हथियाई MBBS सीट

तहसील की जांच में खुलासा

बिलासपुर तहसीलदार गरिमा ठाकुर ने पुष्टि की है कि तीनों छात्राओं के EWS प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। प्रमाणपत्रों में हस्ताक्षर और सील असली नहीं थे।

तहसील ने स्पष्ट किया कि इनके नाम से कभी कोई आवेदन दर्ज नहीं हुआ और न ही तहसील से कोई सर्टिफिकेट जारी किया गया। डीएमई ने दस्तावेजों का वेरिफिकेशन करने के लिए तहसील भेजा था। जांच में यह सामने आया कि छात्राओं ने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर मेडिकल काउंसलिंग में सीट हासिल की।

प्रमाण पत्र पेश नहीं करने पर कार्रवाई

डीएमई ने छात्राओं को 8 सितंबर तक सही दस्तावेज और स्पष्टीकरण देने का मौका दिया। लेकिन छात्राएं समय सीमा तक प्रमाणपत्र पेश नहीं कर सकीं। नियमों के तहत तीनों छात्राओं का MBBS प्रवेश रद्द कर दिया गया। अब इस साल वे किसी भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाएंगी।

ये खबर भी पढ़ें... मेडिकल एडमिशन नियम में NRI कोटा हटाने की याचिका खारिज, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई

मामले में क्लर्क प्रभार प्रहलाद सिंह नेताम को नोटिस जारी कर प्रभार से हटा दिया गया। तहसील ने रिपोर्ट कलेक्टर संजय अग्रवाल को सौंपी है। आगे प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई गई है।

परिजनों का दावा है कि उन्होंने नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेज जमा किए थे, लेकिन कागजात तहसील कार्यालय में गायब हो गए। उन्होंने कहा कि संभवतः सील या हस्ताक्षर में बदलाव कार्यालय में हुआ होगा।

बिलासपुर MBBS एडमिशन स्कैम क्या है?

1. फर्जी EWS सर्टिफिकेट

तीन छात्राओं—सुहानी सिंह, श्रेयांशी गुप्ता और भाव्या मिश्रा—ने फर्जी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) सर्टिफिकेट बनवाकर MBBS सीट हासिल की।

2. तहसील जांच में खुलासा

बिलासपुर तहसील की जांच में सर्टिफिकेटों के हस्ताक्षर और सील फर्जी पाए गए। ये दस्तावेज तहसील से कभी जारी नहीं हुए।

3. डीएमई वेरिफिकेशन

संचालक चिकित्सा शिक्षा (DME) ने दस्तावेजों का वेरिफिकेशन कराया। छात्राओं को सही दस्तावेज पेश करने का मौका मिला, लेकिन उन्होंने समय पर प्रस्तुत नहीं किया।

4. एडमिशन रद्द

नियमों के तहत तीनों छात्राओं का MBBS एडमिशन रद्द कर दिया गया। अब वे इस साल किसी भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाएंगी।

5. प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई

मामले में क्लर्क प्रभार से हटाया गया और आगे प्रशासनिक व कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई गई है।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ B.Ed. और B.Sc.B.Ed. एडमिशन के लिए ऑनलाइन आबंटन प्रक्रिया शुरू

फर्जीवाड़े की प्रक्रिया

तीनों छात्राओं ने बिलासपुर तहसील से जारी होने का दावा करते हुए फर्जी EWS सर्टिफिकेट बनवाया। इस सर्टिफिकेट की मदद से उन्होंने मेडिकल काउंसलिंग में भाग लिया और आरक्षित कोटे के तहत सीट हासिल की। तहसील और डीएमई की जांच में स्पष्ट हुआ कि प्रमाणपत्र कभी जारी ही नहीं हुए थे।

FAQ

बिलासपुर मेडिकल एडमिशन घोटाला क्या है?
बिलासपुर MBBS एडमिशन स्कैम में तीन छात्राओं ने फर्जी EWS सर्टिफिकेट बनवाकर NEET (UG) के जरिए मेडिकल कॉलेज में सीट हासिल की, लेकिन तहसील जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया।
MBBS एडमिशन स्कैम में किन छात्राओं का एडमिशन रद्द किया गया?
इस मामले में सुहानी सिंह, श्रेयांशी गुप्ता और भाव्या मिश्रा की MBBS एडमिशन रद्द कर दी गई।
Bilaspur MBBS admission scam मेडिकल एडमिशन घोटाला बिलासपुर MBBS एडमिशन स्कैम फर्जी EWS सर्टिफिकेट फर्जी सर्टिफिकेट