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बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगाते रहते हैं। लेकिन, अंबिकापुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां करोड़ों की जमीन हड़पने दोनों दलों के पदाधिकारी एक टीम बन गए। इसके अलावा उनकी टीम में एक अधिवक्ता सहित 5 लोग भी थे।
ये पहले जमीन को विवादित बनाते बाद में भाजपा के अंबिकापुर जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया और कांग्रेस के जिला महासचिव राजीव अग्रवाल उसे कौड़ियों के दाम पर खरीद कर दूसरों को बेच मोटा मुनाफा कमाते... मामला सत्ता पक्ष भाजपा से जुड़ा था इसलिए पुलिस भी कार्रवाई नहीं कर रही थी। कांग्रेस के जिला महासचिव भी विरोध के बजाए चुप लगाए बैठे थे।
कोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश
अंबिकापुर में 2 करोड़ 87 लाख की एक ऐसी जमीन हथियाने का मामला जब कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इन सभी 7 लोगों पर FIR करने का आदेश दिया। इसके बाद अंबिकापुर पुलिस के हाथ पांव फूल गए। जब कोतवाली थाना प्रभारी को कुछ नहीं समझ में आया तो उन्होंने दिए गए दो हफ्ते के समय में सभी पक्षों को बुलाकर आपस में समझौता कर दिया। इधर कोर्ट ने उनके इस कार्यवाही पर जमकर लताड़ लगाई है। कोर्ट के दोबारा कहने पर भाजपा जिलाध्यक्ष, कॉंग्रेस जिला महासचिव सहित सभी पर FIR हो गई है।
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क्या है मामला
अंबिकापुर भगवानपुर निवासी चंद्रमणी कुशवाहा और भैयाथान निवासी कलावती कुशवाहा दोनों ने एडवोकेट के माध्यम से CJM न्यायालय में फर्जीवाड़े को लेकर परिवाद पेश किया था। परिवाद में बताया गया कि दोनों बहनें अनपढ़ हैं और गृहिणी हैं। उनकी भगवानपुर स्थित पैतृक भूमि, रकबा 2.870 हेक्टेयर के राजस्व अभिलेखों में भाई रघुवर कुशवाहा और छतरू कुशवाहा का नाम दर्ज था।
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एडवोकेट ने कराया एग्रीमेंट
दोनों बहनों ने राजस्व अभिलेखों में नाम चढ़वाने और बंटवारे के लिए एडवोकेट दिनेश कुमार सिंह से संपर्क किया। दोनों के भाई बंटवारे के लिए सहमत नहीं थे। एडवोकेट दिनेश सिंह पर विश्वास करते हुए उन्होंने सभी दस्तावेज उन्हें सौंप दिए। सुनवाई के बीच दिनेश सिंह ने दोनों महिलाओं को झांसा दिया कि उन्हें जमीन मिलना मुश्किल है। इसलिए किसी प्रभावशाली व्यक्ति के नाम पर वे जमीनों का एग्रीमेंट कर दें। एडवोकेट ने दोनों को बुलाकर उनके हिस्से की सम्पूर्ण भूमि का विक्रय एग्रीमेंट राजीव अग्रवाल के नाम पर एक करोड़ 75 लाख रुपए में कराया।
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दोनों बहनों को नहीं मिला पैसा
एडवोकेट ने दोनों बहनों को दोबारा बुलाकर एक भूमि बिक्रीनामा एग्रीमेंट 2016 को उपपंजीयक कार्यालय अंबिकापुर में कराया। यह एग्रीमेंट 1 करोड़ 13 लाख रुपए में हुआ है। इसमें 5 लाख 50 हजार रुपए की राशि देना लिखा गया। राशि की पावती के रूप में इसी एग्रीमेंट को माना गया है। जबकि दोनों को मात्र 50 हजार रुपए की राशि एग्रीमेंट के समय दी गई।
एग्रीमेंट के दौरान चेक से राशि का भुगतान किया जाना था, लेकिन कोई भुगतान चेक से नहीं किया गया। एग्रीमेंट में भारत सिंह सिसोदिया, रविकांत सिंह, नीरज प्रकाश पांडेय, राजेश सिंह, और नीलेश सिंह ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किया है।
आरोपियों पर FIR के आदेश
मामले की सुनवाई करते हुए अंबिकापुर सीजेएम सुमित कुमार हर्षयाना की अदालत ने मामले में सौदा करने वाले सभी के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। पहला एग्रीमेंट एक करोड़ 75 लाख रुपए में और दूसरा एग्रीमेंट एक करोड़ 13 लाख रुपए में किया गया। जबकि बिक्रीनामा में दोनों बहनों को मात्र 40 लाख रुपए ही मिले।
पार्टियां कब करेगी कार्रवाई?
छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस नेताओं द्वारा जमीन हथियाने की खबरें आती रहती है। लेकिन, इस बार भाजपा के अंबिकापुर जिला अध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया और कांग्रेस के जिला महासचिव राजीव अग्रवाल के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज हो चुका है। ऐसे में पार्टी के कार्रवाई करती है, यह देखने वाली बात होगी।
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अंबिकापुर जमीन घोटाला | बीजेपी कांग्रेस जमीन | छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार