वन भूमि पर अवैध कब्जा: 40 घरों पर चला बुलडोजर, बेदखली का बड़ा अभियान

सरगुजा जिले के अंबिकापुर वन क्षेत्र अंतर्गत चोकराकछार गांव में संरक्षित वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए लगभग 40 अवैध मकानों पर बुलडोजर चला। कार्रवाई वन विभाग, राजस्व अमले और पुलिस बल की संयुक्त मौजूदगी में की गई।

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Harrison Masih
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Illegal occupation of forest land Bulldozers run on 40 houses sarguja the sootr
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सरगुजा जिले के अंबिकापुर वन क्षेत्र अंतर्गत चोकराकछार गांव में संरक्षित वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए लगभग 40 अवैध मकानों पर बुलडोजर चला। कार्रवाई वन विभाग, राजस्व अमले और पुलिस बल की संयुक्त मौजूदगी में की गई। कार्रवाई से पहले विभाग ने बेजाकब्जाधारियों को नोटिस जारी किया था, लेकिन कब्जा न हटाने पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया।

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क्या है मामला?

वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, संरक्षित वन भूमि पर दर्जनों लोगों ने बिना अनुमति मकान बना लिए थे और खेती भी कर रहे थे। इन कब्जों को लेकर पार्षद आलोक दुबे ने छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी से शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने वन अधिकार कानून का दुरुपयोग और फर्जी पट्टों के जरिए कब्जा जमाने की बात कही।

फर्जी वन अधिकार पट्टा और अतिक्रमण की कहानी

पार्षद दुबे ने आरोप लगाया कि ग्राम रनपुर खुर्द के संरक्षित वन खंड क्रमांक 2581 की करीब 25 एकड़ जमीन पर 11 परिवारों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। इन लोगों को फर्जी तरीके से वन अधिकार मान्यता पत्र जारी कर दिए गए थे। कुछ लोगों ने तो जमीन को बेच भी दिया, जबकि वन अधिकार अधिनियम की धारा 4 की उपधारा के अनुसार, यह जमीन स्थानांतरित नहीं की जा सकती।

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शिकायत के साथ गूगल मैप के प्रमाण भी दिए गए, जिसमें यह दर्शाया गया कि 2011 में जमीन पर कोई निर्माण नहीं था, जबकि 2012 से 2024 के बीच 52 से अधिक मकान खड़े हो गए। आरोप है कि यह सब कुछ वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ।

डीएफओ का आदेश और कानूनी कार्रवाई

वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा की गई रिपोर्ट के आधार पर डीएफओ सरगुजा ने 8 मई 2025 को बेदखली का आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि यदि 2 दिनों के भीतर कब्जा नहीं हटाया गया, तो निर्माण, फसल आदि को राजसात कर लिया जाएगा। साथ ही कब्जा हटाने की पूरी लागत भी संबंधित व्यक्ति से वसूली जाएगी।

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नोटिस के बाद भी नहीं हटे तो चली कार्रवाई

बेदखली नोटिस के बावजूद जब कब्जाधारी नहीं हटे, तो आज बड़ी कार्रवाई की गई। 40 अवैध मकानों को ध्वस्त किया गया। इस दौरान वन और राजस्व विभाग के अधिकारी तथा पुलिस बल भारी संख्या में मौके पर तैनात रहा।

प्रशासन का सख्त संदेश

यह कार्रवाई सिर्फ कब्जाधारियों के खिलाफ नहीं, बल्कि उन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चेतावनी भी है, जो मिलीभगत कर कानून का उल्लंघन करते हैं। वन भूमि पर कब्जा कर नियमों को ताक पर रखने वालों के लिए यह एक कड़ा संदेश है कि अब ऐसे मामलों में बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

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