छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन ने मंत्रियों और विधायकों के कामकाज पर नकेल कसते हुए सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन ने मंत्रियों के साथ बंद कमरे में वन-टू-वन बैठक की, जिसमें कुछ मंत्रियों को उनके प्रदर्शन में सुधार लाने की कड़ी चेतावनी दी गई। संगठन के सूत्रों के मुताबिक, कुछ मंत्रियों की कार्यशैली और व्यवहार की शिकायतें संगठन तक पहुंची थीं, जिन्हें गंभीरता से लेते हुए यह कदम उठाया गया।
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दो चरणों में हुई चर्चा
बैठक दो स्तरों पर आयोजित की गई। पहले चरण में क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय और प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने मंत्रियों से उनके कामकाज पर चर्चा की। इसके बाद दूसरे चरण में शिवप्रकाश और नितिन नबीन ने मंत्रियों से व्यक्तिगत बातचीत की। संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कुछ मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई गई और उन्हें जमीन से जुड़कर काम करने की सलाह दी गई।
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मंत्रियों को सख्त निर्देश
संगठन ने मंत्रियों से उनके विभागों के कामकाज, प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। कुछ मंत्रियों को उनकी आदतों और व्यवहार में सुधार लाने की नसीहत दी गई। साथ ही, प्रशासनिक अधिकारियों पर अंकुश लगाने और जनता के बीच बेहतर छवि बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
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बैठक के बाद तीन मंत्रियों के चेहरे उतरे
बंद कमरे की बैठक के बाद बाहर निकलने वाले मंत्रियों के चेहरों पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नजरें टिकी थीं। भाजपा कार्यालय में चर्चा थी कि तीन मंत्रियों के चेहरे बैठक के बाद उतरे हुए नजर आए। एक मंत्री को प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सांत्वना देते दिखे, जिसने इन चर्चाओं को और हवा दी।
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विधायकों को भी लगी फटकार
मंत्रियों के साथ बैठक से पहले विधायकों की बैठक में भी संगठन ने सख्ती दिखाई। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने विधायकों को बिना जानकारी के बयानबाजी से बचने की हिदायत दी। उन्होंने दो टूक कहा कि बेतुके बयानों से संगठन और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचता है, इसलिए विधायकों को अपनी बात कहने से पहले विषय की पूरी जानकारी लेनी चाहिए। भाजपा संगठन का यह कड़ा रुख मंत्रियों और विधायकों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि अब प्रदर्शन और अनुशासन में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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