विष्णुकाल में जेल से चल रही दादागिरी, मोबाइल से कर रहे अवैध वसूली

छत्तीसगढ़ में लगता है जेल में बंद दादाओं के लिए विष्णुकाल अब अमृतकाल बन गया है। तभी तो कैदियों की दादागिरी चल रही है। जेल बंद है लेकिन खेला खुला चल रहा है।

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Arun tiwari
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छत्तीसगढ़ में लगता है जेल में बंद दादाओं के लिए विष्णुकाल अब अमृतकाल बन गया है। तभी तो कैदियों की दादागिरी चल रही है। जेल बंद है लेकिन खेला खुला चल रहा है। दादागिरी इस तरह की है कि कैदी ही अवैध वसूली कर रहे हैं वो भी मोबाइल फोन से। इनकी हिमाकत देखिए कि इनको धमकी देने के लिए फोन भी दिया जा रहा है।

वहीं एक केंद्रीय जेल ऐसी भी है जहां के मीनू में अंडा भी लिखा हुआ है। यानी इस जेल में कैदियों को खुराक में अंडा दिया जा रहा है। यह सब हम पिछले एक साल की कहानी बता रहे हैं यानी प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से यह खेला चल रहा है। यही नहीं कुछ जगह जेल के कारिंदे भी कैदियों के खाने में खेला कर रहे हैं। देखिए बंद जेल का खुला खेल।  

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बंद जेलों में चल रहा खुला खेल

छत्तीसगढ़ में 33 जेल हैं जिनमें 14 हजार से ज्यादा कैदी रहते हैं। इन जेलों में दादागिरी और भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। यह स्थिति विष्णुदेव सरकार के एक साल की है। हम आपको जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक के एक साल के जेल के हालातों के कुछ उदाहरण बता रहे हैं। वैसे तो ये कैदी अपने गुनाहों की सजा काट रहे हैं लेकिन वहां भी इनका रवैया बदला नहीं है। ये कैदी बिल्कुल बेखौफ हैं।

एक केंद्रीय जेल में अवैध वसूली हो रही है। ये वसूली कैदी कर रहे हैं और वो भी फोन से। यानी इनको जेल में भी फोन मुहैया कराया जा रहा है। जाहिर है सब मिलीभगत से हो रहा है। दूसरा कारनामा देखिए। एक तरफ तो कुपोषित बच्चों को अंडा नसीब नहीं हो रहा क्योंकि सप्लायर के पास फंड नहीं पहुंचा है तो दूसरी तरफ एक केंद्रीय जेल में कैदियों की खुराक में अंडा शामिल है।

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द सूत्र ने जब जेल का मीनू देखा तो उसमें अंडा भी लिखा हुआ था, वो भी सिर्फ एक ही जेल में। तो सवाल यह उठता है यह सब कैसे मुमकिन हो रहा है, जाहिर है इन जेलों में मिला जुला खेल चल रहा है। यही कहीं कहीं तो कैदियों के खाने में ही खेला किया जा रहा है। यह सब हम इसलिए दावे से कह रहे हैं क्योंकि यह शिकायतें सरकार के पास पहुंची हैं।

इन शिकायतों पर जांच भी चल रही है। यह शिकायत या तो जेल में तैनात किसी कर्मचारी ने की है या फिर कैदियों से मिलने जुलने वाले नाते रिश्तेदारों ने इसलिए इनको गंभीर माना जा सकता है। आइए आपको बताते हैं कि किस जेल में क्या खेल चल रहा है। 


केंद्रीय जेल जगलपुर में अवैध वसूली

केंद्रीय जेल जगदलपुर की एक गंभीर शिकायत सरकार को मिली है। इस शिकायत में किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसमें लिखा हुआ है कि इस जेल में बंद कैदी अवैध वसूली करते हैं। यह वसूली वे फोन के जरिए करते हैं। कैदियों को प्रोटेक्शन मनी देने के लिए उनके नाते रिश्तेदारों से पैसे मांगे जाते हैं। और यदि उनको पैसे नहीं दिए जाते तो वे उन कैदियों के साथ मारपीट करते हैं। सरकार ने कलेक्टर को किसी वरिष्ठ अधिकारी को जांच कराने के लिए लिखा है। अभी जांच चल रही है। इसी जेल की एक और शिकायत आई है। इस शिकायत में कहा गया है कि कैदियों के साथ मारपीट की जाती है। इस मामले की भी जांच चल रही है। 

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केंद्रीय जेल रायपुर में मिलता है अंडा

कैदियों को खाने में अंडा भी दिया जाता है। सुनकर हैरानी लगती है लेकिन यह सिर्फ रायपुर केंद्रीय जेल में होता है। द सूत्र ने जब जेल का मेन्यू देखा तो सिर्फ रायपुर केंद्रीय जेल में कैदियों के खुराक में अंडा शामिल था। अन्य जेल के कैदियों को यह सुविधा नहीं है। जगदलपुर के राजकुमार एंड ब्रदर्स और दुर्ग के साई ट्रेडर्स जेल में अंडा सप्लाई करते हैं। 

बैंकुंठपुर में जेल अधीक्षक की प्रताड़ना

जिला जेल बैकुंठपुर के मुख्य प्रहरी देवेंद्र कुमार द्वेदी ने शिकायत की है कि जेल अधीक्षक प्रताड़ित करते हैं। सरकार ने कोरिया कलेक्टर को इस मामले की जांच कराने के लिए पत्र लिखा है। जांच कराई जा रही है। 

बंदियों के खाने में भ्रष्टाचार

राजनांदगांव जिला जेल में कैदियों के खाने में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है। इसकी जांच केंद्रीय जेल अधीक्षक से कराई गई। जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि शिकायत छद्म नाम से आई है इसलिए इसकी पुष्टि नहीं होती। 

जेल विभाग के अफसरों ने टेंडर में की गड़बड़ी

खाने के टेंडर से जुड़ी दो शिकायतें सरकार को मिली हैं। इसमें जेल विभाग के अफसरों की शिकायत की गई है। इन शिकायतों में कहा गया है कि नियमित टेंडर को दरकिनार करते हुए एक संविदाधारक जेल डीजी ने अवैध रुप से अन्य विभाग को सप्लाई आदेश जारी कर दिए। यह शिकायत मुल्कराज आहूजा एंड संस ने की है। यह बात तो सच निकली कि जेल विभाग ने नेफेड को यह सप्लाई का काम दिया है। लेकिन जांच में यह कहा गया कि खाना अच्छी क्वालिटी का है। 

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बिलासपुर केंद्रीय जेल में घटिया खाना

बिलासपुर केंद्रीय जेल के अफसरों की शिकायत कैदियों के परिजनों ने की है। उन्होंने कहा कि यहां पर कैदियों को घटिया खाना दिया जा रहा है। इस शिकायत पर जांच हुई। इस जांच में यह पाया गया कि खाने की क्वालिटी सामान्य है। लेकिन जांच दल तो उड़द की दाल मिलावटी और वनस्पति घी एक्सपायरी डेट का मिला। इस मामले में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।   

 

छत्तीसगढ़ में जेलों का फैक्ट फिगर

केंद्रीय जेल - 5
जिला जेल - 20
उपजेल - 8
कुल बंदी क्षमता - 14733
सजायाफ्ता बंदी - 6301
विचाराधीन - 12519
अन्य - 31
एक साल का खाने का बजट - 35 करोड़ 84 लाख 26 हजार 927

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