छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित महालेखाकार कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी संजय कुमार आचार्य के खिलाफ केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets - DA) का मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई उनके बंगले सहित तीन ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान के बाद की गई है।
सीबीआई की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, संजय कुमार आचार्य ने 1 जनवरी 2013 से 31 मार्च 2025 तक अपनी सेवा अवधि के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से आय अर्जित की। एजेंसी का आरोप है कि उन्होंने इस काली कमाई को अपने रिश्तेदारों और नजदीकी लोगों के नाम पर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश भी किया।
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चौंकाने वाले खुलासे:
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में ही आचार्य की पत्नी और बेटे के नाम पर कुल ₹3.32 करोड़ की संपत्ति का पता चला है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
बहुमूल्य जेवरात
लक्ज़री गाड़ियाँ
भूमि और आवासीय संपत्तियाँ
अन्य क्षेत्रों में किए गए निवेश
सीबीआई ने बताया कि इन सभी निवेशों का स्रोत संजय आचार्य की वैध आय से मेल नहीं खाता, जिससे यह संदेह गहराया कि इन संपत्तियों को अवैध आय से अर्जित किया गया है।
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तीन ठिकानों पर छापेमारी:
एजेंसी ने आचार्य के रायपुर स्थित सरकारी आवास, पैतृक निवास और एक अन्य निजी संपत्ति पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज़ और लेन-देन से जुड़े रजिस्टर भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है।
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आगे की कार्रवाई:
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आगे की जांच में और भी संपत्तियों और निवेशों का खुलासा हो सकता है। संजय आचार्य और उनके रिश्तेदारों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।
इस मामले ने एक बार फिर सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर संकेत किया है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो संजय आचार्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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