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CBI does not need to take consent of the state government : सीबीआई जांच के संबंध में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सीबीआई को जांच करने के लिए राज्य सरकार की सहमति लेना जरूरी नहीं है। कोर्ट का कहना है कि यदि संबंधित राज्य में अपराध किया गया है तो सीबीआई बिना राज्य की अनुमति के भी जांच कर सकती है। कोर्ट ने यह फैसला हुडको के क्षेत्रीय प्रमुख लगे अपराधों की साजिश रचने के आरोप के केस की सुनवाई करते हुए दिया।
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उद्योगपति के साथ मिलकर दिया अपराध को अंजाम
जानकारी के अनुसार हुडको के रायपुर क्षेत्रीय प्रमुख सुरेंद्र सिंघई पर आरोप है कि उन्होंने उद्योगपति के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है। उक्त उद्योगपति सुनील मल कोलकाता की कंपनी इस्पात एंड पावर लिमटेड के संचालक हैं। मल और सिंघई ने मिलकर 24.50 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।
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आरोपियों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सीबीआई ने उक्त केस की जांच शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति प्राप्त नहीं की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि उक्त अपराध को छत्तीसगढ़ में अंजाम दिया गया है। इसलिए इस केस में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत राज्य सरकार की अनुमति लेना आवश्यक नहीं है।
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ममता बनर्जी की बढ़ सकती है परेशानी
हाईकोर्ट के फैसले नजीर बनते हैं। कोर्ट का यह फैसला ममता बनर्जी सहित विपक्ष की राज्य सरकारों के लिए परेशानी की वजह बन सकता है। विपक्ष की राज्य सरकारें अमूमन केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाती हैं। इस आरोप का हवाला देते हुए विपक्ष की राज्य सरकारें अपने यहां सीबीआई की जांच की अनुमति कैंसल कर देती हैं। हाईकोर्ट का यह फैसला इस तरह के मामलों में नजीर साबित होगा।
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