छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और श्रवण कुमार गोयल को सीबीआई ने रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। उन्हें रायपुर की सेन्ट्रल जेल में रखा जाएगा। इससे पहले, सीबीआई ने 18 नवंबर को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 19 नवंबर को स्पेशल कोर्ट में पेश किया था।
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कांग्रेसी नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों को बनाया अफसर
इस मामले की शुरुआत CGPSC-2019 से 2022 तक की भर्ती में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों से हुई है। आरोप है कि तत्कालीन CGPSC अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों, कांग्रेसी नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों को गलत तरीके से सरकारी नौकरी दिलवाने के लिए साजिश की थी।
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क्या है विवाद?
CGPSC ने 2020 और 2021 में कुल 346 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली गई थी। इन भर्तियों में गड़बड़ियों के आरोप सामने आए हैं। विशेष रूप से, 171 पदों के लिए आयोजित 2021 की भर्ती परीक्षा में कथित रूप से फर्जी चयन और गड़बड़ियों की आशंका जताई जा रही है। आरोप है कि इस परीक्षा में चयनित कई उम्मीदवारों में से कई के पास राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण था।
CGPSC 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को हुआ था, जिसमें 2,565 अभ्यर्थी पास हुए थे। इसके बाद मेंस परीक्षा 26 से 29 मई 2022 तक आयोजित की गई थी, जिसमें 509 अभ्यर्थी पास हुए। इसके बाद, इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की गई। इन भर्तियों में गड़बड़ी की आशंका के बाद EOW (आर्थिक अपराध शाखा) और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोपों में केस दर्ज किया था।
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