छत्तीसगढ़ की बलौदाबाजार हिंसा के दो मुख्य आरोपियों को पुलिस ने छापेमारी कर पकड़ लिया है ( baloda bazar violence two accused arrested )। ये आरोपी रायपुर संभाग की भीम रेजिमेंट के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष हैं। दोनों की हिंसा भड़काने में अहम भूमिका थी।
भीम रेजिमेंट का अध्यक्ष जीवराखन बांधे हिंसा के बाद से गायब था। वह अपने साथियों के साथ जगदलपुर में छिपा हुआ था। पुलिस ने अब उसके ठिकाने पर छापेमारी कर भीम रेजिमेंट अध्यक्ष को दबोच लिया है।
इसके अलावा भीम रेजिमेंट के उपाध्यक्ष उमेश सोनवानी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसे रायपुर के महादेव घाट इलाके में छापेमारी कर पकड़ा है।
132 आरोपी गिरफ्तार
बीते दिनों बलौदाबाजार में हुई हिंसा की लगातार जांच चल रही है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक 132 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। गिरफ्तार आरोपियों में भीम आर्मी, भी क्रांतिवीर और भीम रेजिमेंट जैसे संगठनों से जुड़े लोग शामिल है।
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बलौदाबाजार में हुई सख्ती
बलौदाबाजार हिंसा के बाद इलाके में पुलिस सख्त हो गई है। पेट्रोल पंप संचालकों का खुले में पेट्रोल देना प्रतिबंधित कर दिया गया है। हालांकि किसानों का आधार कार्ड देखकर पेट्रोल देने की छूट है। इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी निगरानी रखी जा रही है।
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अधिकारियों की लगातार बैठकें
मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर और एसपी लगातार बैठकें कर रहे हैं। शनिवार को चेंबर ऑफ कॉमर्स और नगरीय निकाय के साथ बैठके हुई। इस बैठक में शांति व्यवस्था बनाए रखने धारा 144 को बढ़ाने पर चर्चा हुई। इलाके में अभी 10 दिन और धारा 144 लागू रहेगी।
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भीम रेजिमेंट क्या है ?
भीम रेजिमेंट ( bheem regiment ) छत्तीसगढ़ में संचालित एक गैर राजनीतिक संगठन है। फेसबुक पर इसके साढ़े पांच हजार के करीब फॉलोअर हैं। सोशल मीडिया पर इस संगठन ने अपना उद्देश्य अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज उठाना बताया है। ये आडम्बर से विज्ञानवाद की ओर जाने की बात भी करते हैं।