RAIPUR. बलौदाबाजार के बवाल पर सियासत और तेज हो गई है। बलौदा बाजार में घटना स्थल पर गए कांग्रेस के नेताओं ने सरकार पर कई सवाल उठाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उस नागपुर के लोग वहां क्या कर रहे थे, इस बारे में सरकार मौन क्यों है। पीपीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि उस दिन से कई लोग लापता हैं। कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तार लोगों की सूची सार्वजनिक करने की मांग की।
बलौदाबाजार गए कांग्रेस नेताओं में दीपक बैज, भूपेश बघेल, चरणदास महंत समेत अन्य विधायक शामिल थे। कांग्रेस नेताओं ने घटना स्थल पर जाने के साथ प्रभावितों,सतनामी समाज और चैंबर ऑफ कॉमर्स के लोगों से भी चर्चा की।
सीबीआई जांच से क्यों घबरा रही सरकार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी को सीबीआई जांच पर बहुत ज्यादा भरोसा है। सतनामी समाज के लोग घटना सीबीआई जांच की मांग कर रहे है। सरकार ने अनेकों मामलों की सीबीआई जांच करवाई है। इस मामले की जांच कराने में क्या दिक्कत है। किसको बचाने के लिए सरकार सीबीआई जांच से घबरा रही है। सरकार सतर्कता और सावधानी बरतती तो इतनी बड़ी घटना घटित नहीं होती। बलौदाबाजार में जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साथ सैकड़ों वाहनों को जलाए जाने की घटना इस बात का प्रमाण है कि बीजेपी से सरकार नहीं संभल रही है।
मणिपुर से बलौदाबाजार की घटना की तुलना
दीपक बैज ने बलौदाबाजार की घटना की तुलना मणिपुर से करते हुए कहा कि जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, उन प्रदेशों में लॉ एंड ऑर्डर नाम की कोई चीज ही नहीं होती। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि सतनामी समाज के बहुत से लोग इस घटना के बाद लापता हैं उनके घरवाले भी नहीं जानते वो कहा हैं। पुलिस विभाग दोषियों पर कानून सम्मत कड़ी कार्रवाई करें किंतु बर्बरता पूर्वक मारपीट के जो फोटो और वीडियो आ रहे है, वो भयावह है। साथ ही जिनकी गिरफ्तारी हुई उनके नाम बताए जाने चाहिए। प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है और अब अपनी नाकामी को छुपाने के लिए असली अपराधियों को छोड़ निर्दोष लोगों पर कार्रवाई कर रही है। घटना के दिन से गायब 250 लोग कहां है सरकार बताए।
नागपुर के लोग क्या कर रहे थे ?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा एक महीने पहले घटना हुई थी तब दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। समाज के लोगों के साथ बैठकर समाधान क्यों नहीं निकाला गया। देश के इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार हुआ है कि एसपी एवं कलेक्टर के कार्यालय को भीड़ ने जला दिया। कलेक्टर एवं एसपी को पीछे के दरवाजे से भागना पड़ा हो। यह घटना सरकार के एंटलीजेंस फेलुअर का परिणाम है। घटना के बाद लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है जो लोग किन्हीं अन्य कारणों से बलौदाबाजार घूमने आये थे उनको अपराधी बनाया जा रहा। अनेकों लोग लापता है अभी तक पुलिस गिरफ्तार लोगों की सूची सार्वजनिक नहीं कर रही है। नागपुर से भी बड़ी संख्या में लोग रैली में शामिल होने आये थे वे कौन लोग थे। उनके बारे में पुलिस क्यों मौन है। यह घटना सरकार की बड़ी विफलता है। मुख्यमंत्री तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें।
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राज्यपाल से सरकार को भंग करने की मांग
भूपेश बघेल ने आगे कहा कि राज्यपाल बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण राज्य सरकार को भंग करें। यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। जिन अधिकारियों के ऊपर जिले में कानून व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी होती है जिन्हें सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी होती है वही लोग आगजनी और तोड़फोड़ के दौरान पीछे के दरवाजे से निकल जाये ऐसा पहले नही देखा गया। धरना स्थल और कलेक्ट्रेट परिसर की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है और जब भीड़ का दबाव इतना ज्यादा बढ़ रहा था तो पुलिस बल बढ़ाने के बजाए इन लोगों ने पलायन करने का रास्ता चुना। स्थानीय लोगों ने बताया कि बड़ी संख्या में महाराष्ट्र प्रदेश की गाड़ियां आई थी उपद्रवी लोग अपने साथ लाठी डंडे और पत्थर लेकर आये ये इस सरकार के इंटेलिजेंस की बड़ी विफलता है।
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