स्वास्थ्य विभाग को पता नहीं, मृतक के नाम से चल रहा निजी ट्रॉमा सेंटर, सरकारी डॉक्टर दे रहे सेवाएं
छत्तीसगढ़ के बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत गंभीर बनी हुई है। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। एक निजी अस्पताल, जिसका संचालक उसके प्रोपराइटर की मृत्यु के बाद भी जारी है।
CG News.छत्तीसगढ़ के बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत गंभीर बनी हुई है। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। दूसरी ओर निजी अस्पतालों की लापरवाही और लूट-खसोट ने भी मरीजों को दुविधा में डाल रखा है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक निजी अस्पताल, जिसका संचालन उसके प्रोपराइटर की मृत्यु के बाद भी जारी है। अस्पताल में घोर नियमों की अनदेखी की जा रही है।
अस्पताल संचालक की मृत्यु के बाद क्या हुआ?
यह मामला दलपत सागर वार्ड स्थित मां दंतेश्वरी ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर सेंटर (Maa Danteshwari Trauma and Critical Care Center) से जुड़ा हुआ है। अस्पताल के संचालक और इंचार्ज डॉ. जया कुमार रविचंद्र का हाल ही में हार्ट अटैक से निधन हो गया था। इसके बावजूद, यह अस्पताल बिना किसी योग्य डॉक्टर के चलाया जा रहा है और मरीजों से इलाज के नाम पर फीस ली जा रही है।
यहां तक कि प्राइवेट अस्पताल में सेवाएं देने वाले डॉक्टर भी सरकारी अस्पतालों में पदस्थ हैं। इनमें से एक डॉक्टर ने अपनी पत्नी के नाम पर और दूसरे ने अपने बेटे के नाम पर इस अस्पताल में पार्टनरशिप की है। हालांकि, इस अस्पताल के संचालन में किसी प्रकार की डिग्रीधारी डॉक्टर की उपस्थिति नहीं है। इससे यह साफ होता है कि यह अस्पताल नियमों के खिलाफ चल रहा है।
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अस्पताल संचालक की मृत्यु के बाद संचालन जारी: डॉ. जया कुमार रविचंद्र की मृत्यु के बाद मां दंतेश्वरी ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर सेंटर का संचालन बिना डिग्रीधारी डॉक्टरों के हो रहा है।
डिग्रीधारी डॉक्टरों की अनुपस्थिति: अस्पताल में सरकारी डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन कोई भी डिग्रीधारी डॉक्टर नहीं है, जो नियमों का उल्लंघन है।
गैरकानूनी संचालन: मृत व्यक्ति के नाम पर अस्पताल का संचालन करना कानूनी नहीं है, और नए दस्तावेज़ों की आवश्यकता है, जो अब तक प्रस्तुत नहीं हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की जांच: डॉ. संजय बसाक ने मामले की जांच और नियमानुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति: बस्तर में सरकारी अस्पतालों की स्थिति खराब है, और निजी अस्पतालों में भी नियमों का उल्लंघन हो रहा है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाक का कहना है कि मृत व्यक्ति के नाम पर अस्पताल का संचालन करना गैरकानूनी है। अस्पताल के संचालन के लिए लाइसेंस जया कुमार रविचंद्र के नाम से था। उनकी मृत्यु के बाद नए दस्तावेज़ों की आवश्यकता थी।
स्वास्थ्य विभाग को अब तक इस मामले में कोई भी आवेदन या दस्तावेज प्राप्त नहीं हुआ है। डॉ. बसाक ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।