छत्तीसगढ़ में आगामी मानसून सत्र से पहले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 11 जुलाई को छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक का आयोजन मंत्रालय, महानदी भवन, अटल नगर नवा रायपुर में प्रस्तावित है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लग सकती है, जो राज्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। इसी के साथ ही छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू हो रहा है, इस पर सत्ता पक्ष की ओर से रणनीति भी तैयार की जाएगी।
पांच दिनों तक चलेगा मानसून सत्र
छत्तीसगढ़ विधानसभा का आगामी मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू हो रहा है और यह सत्र पांच दिनों तक चलेगा। इसमें विधायकों द्वारा करीब एक हजार से ज्यादा सवाल लगाए हैं, जो राज्य सरकार के कार्यों और योजनाओं पर गंभीर सवाल उठाते हैं।
खास बात यह है कि इन सवालों में विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायक भी सरकार से जवाब मांग रहे हैं। इसमें कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, शासकीय कार्यों में लापरवाही, और योजनाओं की विफलता जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।
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पिछली कैबिनेट बैठक के प्रमुख निर्णय
मंत्रिपरिषद की पिछली बैठक में कुछ बड़े और किसान केंद्रित फैसले लिए गए थे। किसानों के लिए कृषक उन्नति योजना के दायरे को विस्तार दिया गया है, ताकि खरीफ 2025 में धान की जगह दलहन, तिलहन और मक्का जैसी फसलों को उगाने वाले किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकें।
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन का निर्णय लिया गया, ताकि सेवानिवृत्ति के समय पेंशन भुगतान में बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया जा सके। राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड का गठन भी मंजूर किया गया।
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025 के प्रारूप को भी अनुमोदित किया है। इस नीति से राज्य को लॉजिस्टिक्स हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है।
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व्यवसायों को सरल बनाने का निर्णय
इसके अतिरिक्त, मंत्रिपरिषद ने राज्य में व्यावसायिक एवं जीवनयापन में सरलता लाने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास विधेयक-2025 के प्रारूप को भी मंजूरी दी है। यह विधेयक व्यवसायों को सुगम बनाने और न्यायालयीन मामलों को कम करने में मदद करेगा।
राज्य के विभिन्न पुराने और अनुपयोगी भवनों की रिडेवेलपमेंट योजनाओं को भी मंजूरी दी गई है, जिससे उन भवनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा।
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