किसान-जवान-संविधान के मंच से खरगे जवान पर नाराज,  कांग्रेस की एकता पर सवाल, मंच पर अंतर्कलह

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘किसान-जवान-संविधान’ जनसभा ने न केवल कार्यकर्ताओं का जोश दिखाया, बल्कि पार्टी के भीतर की गुटबाजी और अनुशासनहीनता को भी उजागर कर दिया।

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Krishna Kumar Sikander
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘किसान-जवान-संविधान’ जनसभा ने न केवल कार्यकर्ताओं का जोश दिखाया, बल्कि पार्टी के भीतर की गुटबाजी और अनुशासनहीनता को भी उजागर कर दिया। इस सभा में जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पीसीसी चीफ दीपक बैज जैसे दिग्गज नेताओं ने मंच साझा किया, वहीं NSUI कार्यकर्ताओं की नारेबाजी और मंच पर नेताओं के बीच माइक को लेकर हुई खींचतान ने एकता पर सवाल खड़े कर दिए।

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खरगे और महंत की कार्यकर्ताओं को फटकार

सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे NSUI कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता से खासे नाराज दिखे। उनके उद्बोधन के दौरान NSUI कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे माहौल में खलल पड़ा। खरगे ने मंच से सख्त लहजे में कार्यकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा, “चुप बैठो, जोश दिखाना है तो चुनाव में दिखाओ।” उनकी यह टिप्पणी न केवल कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश थी, बल्कि यह भी दर्शाती थी कि वे संगठन में अनुशासन की कमी से कितने नाराज हैं।

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नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के भाषण के दौरान भी NSUI कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर माहौल को बाधित किया। महंत ने भी कार्यकर्ताओं को कड़े शब्दों में चेतावनी दी और कहा कि इस तरह की हरकतें पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। मंच पर मौजूद प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट को भी उठकर कार्यकर्ताओं को शांत करने की हिदायत देनी पड़ी। पीसीसी चीफ दीपक बैज और पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन उत्साह में डूबे कार्यकर्ताओं पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखा।

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मंच पर माइक को लेकर छीना-झपटी

सभा में अंतर्कलह तब और उजागर हुई, जब मंच पर माइक को लेकर विधायक देवेंद्र यादव और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय के बीच खींचतान देखने को मिली। खरगे और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के मंच पर पहुंचने के बाद स्वागत के लिए नारेबाजी शुरू हुई। इस दौरान विकास उपाध्याय माइक पर सभा को संबोधित कर रहे थे और स्वागत में नारे लगा रहे थे। लेकिन, देवेंद्र यादव ने माइक छीनकर खुद नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में खरगे के मंच पर पूरी तरह स्थापित होने के बाद यादव ने माइक लौटाया, लेकिन यह घटना मंच पर मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल की कमी को साफ दर्शाती है।

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कांग्रेस की एकता पर उठे सवाल

‘किसान-जवान-संविधान’ जनसभा का आयोजन छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन, इस आयोजन में जिस तरह की अनुशासनहीनता और अंतर्कलह सामने आई, उसने पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए। मंच पर नेताओं के बीच माइक को लेकर हुई खींचतान और कार्यकर्ताओं की नारेबाजी ने यह संदेश दिया कि सब कुछ ठीक नहीं है। यह घटना उस समय और भी गंभीर हो जाती है, जब पार्टी आगामी चुनावों में एकजुट होकर विपक्ष की भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है।

नेताओं की कोशिशें और चुनौतियां

सभा में मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने बार-बार कार्यकर्ताओं को अनुशासित रहने की अपील की। सचिन पायलट ने कार्यकर्ताओं को समझाते हुए कहा कि इस तरह की सभाओं में एकता और अनुशासन ही पार्टी की ताकत है। दीपक बैज और जयसिंह अग्रवाल ने भी कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश की, लेकिन NSUI कार्यकर्ताओं का उत्साह अनुशासन की सीमा लांघ गया।

जनसभा ने कांग्रेस की कमजोरियां उजागर

जनसभा एक मौका था कि वह किसानों, जवानों और संविधान के मुद्दे को लेकर जनता के बीच अपनी बात रख सके। लेकिन, मंच पर दिखी अंतर्कलह और कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता ने इस सभा के प्रभाव को कमजोर कर दिया। पार्टी को अब न केवल अपने संगठन को मजबूत करने की जरूरत है, बल्कि नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने की भी आवश्यकता है। कुल मिलाकर, रायपुर की इस जनसभा ने पार्टी की ताकत के साथ उसकी कमजोरियों को भी उजागर किया। अब देखना यह होगा कि पार्टी इस घटना से सबक लेकर कैसे आगे बढ़ती है और आगामी चुनावों में अपनी एकता का परिचय देती है।

मोदी की एक टांग टीडीपी और नीतीश : खरगे

जनसभा में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। खरगे ने तीखे तेवरों के साथ कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार दो "बैसाखियों" पर टिकी है। "मोदी की एक टांग आंध्र प्रदेश की टीडीपी है और दूसरी बिहार के नीतीश कुमार। अगर इनमें से कोई भी हिली, तो मोदी जी का गिरना तय है।" उन्होंने केंद्र सरकार को गठबंधन की मजबूरी में चलने वाली कमजोर सरकार करार दिया।

कांग्रेस की योजनाएं बंद, शराब का धंधा शुरू

खरगे ने जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इन योजनाओं को बंद कर दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के वादे को लेकर भी सरकार को घेरा। "भाजपा ने 67 नई शराब की दुकानें खोल दीं और नकली शराब का धंधा शुरू कर दिया। ये लोग कारोबार के नाम पर समाज को खोखला कर रहे हैं।" खरगे ने इसे जनता के साथ विश्वासघात बताया।

"मोदी-शाह के इशारों पर नाचते हैं साय"

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर तंज कसते हुए खरगे ने कहा कि साय केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के इशारों पर चलते हैं। "साय को इसलिए मुख्यमंत्री बनाया गया, क्योंकि वे सिर्फ मोदी और शाह के कहने पर उठते-बैठते हैं। यह न सिर्फ साय का, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का अपमान है।" खरगे ने इसे भाजपा की कठपुतली शासन की मिसाल बताया।

"संविधान से खिलवाड़ कर रही भाजपा-आरएसएस"

खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर संविधान की मूल भावना को नष्ट करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संघ के एक विचारक ने संविधान से ‘सोशलिज्म’ और ‘सेक्युलरिज्म’ जैसे शब्दों को हटाने की वकालत की है। "1980 में आपने संविधान में क्या लिखा था? अब इन्हीं शब्दों को हटाने की साजिश कर रहे हैं। ये शब्द हटाकर तो देखिए, पूरा देश आपके खिलाफ खड़ा हो जाएगा।" 

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