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Photograph: (the sootr)
भारत में नवरात्र का पर्व एक विशेष धार्मिक अवसर है, जिसे भक्तों के लिए यात्रा करना अक्सर चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस समय हर साल रेलवे प्रशासन भक्तों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करता है।
इस बार भी, 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक डोंगरगढ़ देवीधाम रेलवे स्टेशन पर 10 एक्सप्रेस ट्रेनों को 9 दिनों के लिए स्टापेज दिया गया है, जिससे यात्रियों को बहुत राहत मिल सकेगी। इसके साथ ही, 2 मेमू ट्रेनों का गोंदिया तक विस्तार भी किया गया है और 1 स्पेशल मेमू ट्रेन चलाई जाएगी।
डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव
रेलवे प्रशासन ने नवरात्र पर्व के दौरान डोंगरगढ़ माता मंदिर पहुंचने वाले भक्तों की संख्या को ध्यान में रखते हुए पांच जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों को डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन पर ठहराव देने की घोषणा की है। इन ट्रेनों में शामिल हैं:
बिलासपुर-भगत की कोठी-बिलासपुर एक्सप्रेस
बिलासपुर-बीकानेर-बिलासपुर एक्सप्रेस
बिलासपुर-चेन्नई-बिलासपुर एक्सप्रेस
बिलासपुर-पुणे-बिलासपुर एक्सप्रेस
रायपुर-सिकंदराबाद-रायपुर एक्सप्रेस
इन ट्रेनों के डोंगरगढ़ में ठहरने का समय दो मिनट के लिए निर्धारित किया गया है। यह यात्रियों को मंदिरों के दर्शन करने के लिए आसानी से यात्रा करने का अवसर प्रदान करेगा।
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देवी भक्तों के लिए रेलवे की सौगात को ऐसे समझेंडोंगरगढ़ स्टेशन पर 10 एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव: 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक डोंगरगढ़ स्टेशन पर 10 एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव दो मिनट के लिए दिया गया है, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी। मेमू ट्रेनों का विस्तार: गोंदिया-दुर्ग मेमू ट्रेन का फेरा 9 दिनों के लिए रायपुर तक बढ़ाया गया है, जबकि रायपुर-डोंगरगढ़ मेमू ट्रेन को गोंदिया तक बढ़ाया गया है। स्पेशल मेमू ट्रेन: दुर्ग और डोंगरगढ़ के बीच 9 दिनों के लिए एक स्पेशल मेमू ट्रेन चलाई जाएगी, जो यात्रियों के लिए अतिरिक्त सुविधा प्रदान करेगी। नवरात्र के दौरान रेलवे प्रशासन की तैयारी: रेलवे प्रशासन ने नवरात्र के पर्व के दौरान यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए विशेष ट्रेन सेवाओं की व्यवस्था की है। विभिन्न एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव: बिलासपुर-भगत की कोठी, बिलासपुर-बीकानेर, बिलासपुर-चेन्नई, बिलासपुर-पुणे और रायपुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस ट्रेनों को डोंगरगढ़ स्टेशन पर 9 दिनों के लिए ठहराव दिया गया है। |
गोंदिया-दुर्ग मेमू का फेरा रायपुर तक बढ़ाया गया
नवरात्र के दौरान गोंदिया से दुर्ग तक चलने वाली मेमू ट्रेन को रायपुर तक बढ़ाया गया है। यह ट्रेन गोंदिया से दुर्ग तक पहुंचने के बाद भिलाई नगर, भिलाई पावर हाउस, भिलाई, देव बलौदा चरौदा, डी-केबिन, कुम्हारी, सरोना होते हुए रायपुर पहुंचेगी। वापसी में यह वही मार्ग अपनाते हुए गोंदिया लौटेगी।
यह ट्रेन नवरात्र के दौरान भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्शन बनेगी, जिससे वे आसानी से यात्रा कर सकेंगे और अपनी धार्मिक यात्रा का आनंद ले सकेंगे।
रायपुर-डोंगरगढ़ मेमू को गोंदिया तक बढ़ाया गया
दूसरी ओर, रायपुर से डोंगरगढ़ के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन को भी 9 दिनों के लिए गोंदिया तक बढ़ा दिया गया है। यह ट्रेन डोंगरगढ़ से गुदमा, आमगांव, धानौली, सालेकसा, दरेकसा, बोरतलाव, पनिया-जोब होते हुए गोंदिया पहुंचेगी। वापसी में यह गोंदिया से डोंगरगढ़ होते हुए रायपुर तक पहुंचेगी।
यह विस्तार न केवल धार्मिक यात्रियों के लिए एक सुविधा है, बल्कि इससे इस क्षेत्र के अन्य यात्रियों को भी यात्रा में आसानी होगी।
दुर्ग और डोंगरगढ़ के बीच मेमू स्पेशल
इसके अतिरिक्त, दुर्ग और डोंगरगढ़ के बीच 9 दिनों के लिए एक विशेष मेमू ट्रेन भी चलायी जाएगी। यह ट्रेन दुर्ग से रसमरा, मुरहीपार, परमलकसा, राजनांदगांव, बकल, मुसरा, जटकन्हार होते हुए डोंगरगढ़ पहुंचेगी। यह स्पेशल ट्रेन नवरात्र पर्व के दौरान यात्रियों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए चलाई जाएगी।
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नवरात्र पर रेलवे की तैयारी: भक्तों के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था
भारतीय रेलवे ने हर साल की तरह इस बार भी नवरात्र के दौरान यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा है। डोंगरगढ़ स्टेशन पर 9 दिनों के लिए 10 एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव, गोंदिया-दुर्ग और रायपुर-डोंगरगढ़ मेमू ट्रेनों का विस्तार, साथ ही विशेष मेमू ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन सभी उपायों से यह सुनिश्चित किया गया है कि यात्रियों को न केवल धार्मिक यात्रा का आनंद मिले, बल्कि उन्हें यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ देवी धाम की विशेषताऐं
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव ज़िले में स्थित डोंगरगढ़ देवी धाम को मां बम्लेश्वरी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह 1,600 फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जहां लाखों भक्त हर साल दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए भक्तों को लगभग 1,100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, और जो सीढ़ियां नहीं चढ़ सकते, उनके लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है।
मां बम्लेश्वरी मंदिर की मुख्य बातें:
- स्थान: यह मंदिर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव ज़िले के डोंगरगढ़ शहर में स्थित है।
- ऊंचाई: यह 1,600 फीट ऊँची पहाड़ी की चोटी पर बना है।
- इतिहास: इस शक्तिपीठ का इतिहास करीब 2,000 वर्ष पुराना माना जाता है।
- छोटी बम्लेश्वरी: पहाड़ी के समतल पर एक और मंदिर है जिसे छोटी बम्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है।
- पहुँच: भक्तों के लिए मंदिर तक पहुँचने के लिए लगभग 1,100 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।
- रोपवे: सीढ़ियाँ न चढ़ पाने वाले भक्तों के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है।
- मेला: नवरात्रि के समय यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।