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छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से संबंधित एक बड़े मामले में कार्रवाई करते हुए ACB ने होटल कारोबारी नितेश पुरोहित और उनके बेटे यश पुरोहित को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध अन्वेषण द्वारा दर्ज अपराध क्रमांक-04/2024 के तहत की गई है। दोनों आरोपियों पर आरोप है कि वे शराब घोटाले के प्रमुख सदस्य रहे हैं, जिन्होंने सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर अवैध शराब राशि का संग्रहण, भंडारण और वितरण किया। इसके पहले आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास की गिरफ्तारी की गई थी।
आरोपी पुलिस की रिमांड में
नितेश और यश पुरोहित को शुक्रवार,19 सितंबर 2025 को माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण) रायपुर के समक्ष पेश किया गया। दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए 25 सितम्बर 2025 तक पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया है। एसीबी (ACB) की कार्रवाई अब तक प्रभावी रही है और इस मामले में आगे भी गंभीर कदम उठाए जाएंगे।
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पहले हुई थी निरंजन दास की गिरफ्तारी
इसके पहले छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ा मोड़ आया, जब आर्थिक अपराध विंग (EOW) ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को हिरासत में लिया गया था। EOW ने पुष्टि की कि दास को मंगलवार को हिरासत में लिया गया है।
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कैसे बना सिंडिकेट?
EOW की जांच में सामने आया है कि पूर्व IAS निरंजन दास ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनाया। इस सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों से लेकर विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई तक का नेटवर्क खड़ा किया। दुकानों में कमीशन तय किए गए, डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाई गई और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए अवैध शराब की बिक्री को वैध ठहराया गया। इन गतिविधियों से राज्य को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
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टेंडर घोटाले में भूमिका
चार्जशीट में दर्ज है कि दास ने नोएडा की प्रिज्म होलोग्राफिक सिक्योरिटी फिल्म्स को अवैध रूप से टेंडर दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। कंपनी अयोग्य होने के बावजूद शर्तें बदली गईं और उसे काम सौंपा गया। इसके बाद डुप्लीकेट होलोग्राम तैयार किए गए, जो शराब की अवैध बिक्री को वैध दिखाने का जरिया बने। प्रति होलोग्राम आठ पैसे का कमीशन तय किया गया, जिससे राज्य को लगभग 1200 करोड़ का घाटा हुआ।
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झारखंड से कनेक्शन
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि दास और उनके सहयोगियों ने झारखंड की आबकारी नीति बदलवाने की साजिश रची। जनवरी 2022 में दास, त्रिपाठी और ढेबर की झारखंड अधिकारियों से बैठक हुई। इस बैठक के बाद झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू किया गया, जिससे वहां के खजाने को भी नुकसान हुआ।
फरवरी 2023 में रिटायरमेंट के बाद निरंजन दास को संविदा पर आबकारी आयुक्त नियुक्त किया गया। इस पर भी सवाल उठे, क्योंकि उन पर पहले से ही घोटाले के आरोप लग चुके थे। दास ने कई बार अग्रिम जमानत की याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने बार-बार इसे खारिज कर दिया। मई 2024 में उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी राहत मिली थी।
अब तक की जांच और कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED)
जुलाई 2023 : नोएडा में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज।
मई 2024 : 205 करोड़ की संपत्ति जब्त।
अगस्त 2025 : चार्जशीट में 248 करोड़ के अवैध मुनाफे का खुलासा।
ACB/EOW, छत्तीसगढ़
- जनवरी 2024 : रायपुर में FIR
- फरवरी 2024 : निरंजन दास के ठिकानों पर छापे।
- सितंबर 2024 : झारखंड कनेक्शन पर नया केस।
- जुलाई 2025 : 5000 पन्नों की चार्जशीट पेश, 29 अधिकारियों की संलिप्तता उजागर।
उत्तर प्रदेश STF
- नोएडा में होलोग्राम घोटाले पर केस।
- मई 2024 : कंपनी मालिक विधु गुप्ता गिरफ्तार।
झारखंड ACB
- सितंबर 2024 : निरंजन दास और अन्य 7 के खिलाफ FIR
- मई-जून 2025 : दो आईएएस अधिकारी विनय चौबे और अमित प्रकाश गिरफ्तार।