छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई: रिटायर्ड IAS निरंजन दास गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। EOW ने रिटायर्ड IAS निरंजन दास को हिरासत में लिया है। जांच एजेंसियों का मानना है कि रिमांड पर पूछताछ में कई बड़े नाम और घोटाले की नई परतें सामने आ सकती हैं।

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Harrison Masih
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IAS Niranjan Das Arrested: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में बड़ा मोड़ आया, जब आर्थिक अपराध विंग (EOW) ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) निरंजन दास (IAS Niranjan Das) को हिरासत में ले लिया। EOW ने पुष्टि की कि दास को मंगलवार को हिरासत में लिया गया है। अब उनसे पूछताछ की जाएगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले की कई और परतें खुलेंगी।

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कैसे बना सिंडिकेट?

EOW की जांच में सामने आया है कि पूर्व IAS निरंजन दास ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, तत्कालीन विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर और अन्य के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनाया। इस सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों से लेकर विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई तक का नेटवर्क खड़ा किया।

दुकानों में कमीशन तय किए गए, डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाई गई और डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए अवैध शराब की बिक्री को वैध ठहराया गया। इन गतिविधियों से राज्य को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

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टेंडर घोटाले में भूमिका

चार्जशीट में दर्ज है कि दास ने नोएडा की प्रिज्म होलोग्राफिक सिक्योरिटी फिल्म्स को अवैध रूप से टेंडर दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। कंपनी अयोग्य होने के बावजूद शर्तें बदली गईं और उसे काम सौंपा गया। इसके बाद डुप्लीकेट होलोग्राम तैयार किए गए, जो शराब की अवैध बिक्री को वैध दिखाने का जरिया बने। प्रति होलोग्राम आठ पैसे का कमीशन तय किया गया, जिससे राज्य को लगभग 1200 करोड़ का घाटा हुआ।

झारखंड से कनेक्शन

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि दास और उनके सहयोगियों ने झारखंड की आबकारी नीति बदलवाने की साजिश रची। जनवरी 2022 में दास, त्रिपाठी और ढेबर की झारखंड अधिकारियों से बैठक हुई। इस बैठक के बाद झारखंड में छत्तीसगढ़ मॉडल लागू किया गया, जिससे वहां के खजाने को भी नुकसान हुआ।

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रिटायरमेंट के बाद भी पोस्टिंग

फरवरी 2023 में रिटायरमेंट के बाद निरंजन दास को संविदा पर आबकारी आयुक्त नियुक्त किया गया। इस पर भी सवाल उठे, क्योंकि उन पर पहले से ही घोटाले के आरोप लग चुके थे। दास ने कई बार अग्रिम जमानत की याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने बार-बार इसे खारिज कर दिया। मई 2024 में उन्हें गिरफ्तारी से अस्थायी राहत मिली थी।

अब तक की जांच और कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED)

  • जुलाई 2023 : नोएडा में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज।
  • मई 2024 : 205 करोड़ की संपत्ति जब्त।
  • अगस्त 2025 : चार्जशीट में 248 करोड़ के अवैध मुनाफे का खुलासा।

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ACB/EOW, छत्तीसगढ़

  • जनवरी 2024 : रायपुर में FIR
  • फरवरी 2024 : निरंजन दास के ठिकानों पर छापे।
  • सितंबर 2024 : झारखंड कनेक्शन पर नया केस।
  • जुलाई 2025 : 5000 पन्नों की चार्जशीट पेश, 29 अधिकारियों की संलिप्तता उजागर।

उत्तर प्रदेश STF

  • नोएडा में होलोग्राम घोटाले पर केस।
  • मई 2024 : कंपनी मालिक विधु गुप्ता गिरफ्तार।

झारखंड ACB

  • सितंबर 2024 : निरंजन दास और अन्य 7 के खिलाफ FIR।
  • मई-जून 2025 : दो आईएएस अधिकारी विनय चौबे और अमित प्रकाश गिरफ्तार।

आगे की कार्रवाई

निरंजन दास को अब रिमांड पर लेकर पूछताछ होगी। माना जा रहा है कि पूछताछ में कई बड़े नामों और राजनीतिक रिश्तों का खुलासा हो सकता है। इस घोटाले से जुड़े अभी कई पन्ने खुलने बाकी हैं, जो राज्य की राजनीति और प्रशासन पर गहरा असर डाल सकते हैं।

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