छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : ED ने कांग्रेस दफ्तर पहुंचकर थमा दिया चालान, सुकमा भवन अटैच

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच तेज हो गई है। सोमवार को ED अधिकारियों ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु को केस से संबंधित चालान की कॉपी सौंपी।

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Harrison Masih
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CG liquor scam:छत्तीसगढ़ में चल रहे बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। सोमवार को ईडी के अधिकारी रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन पहुंचे। यहां उन्होंने कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री संगठन मलकीत सिंह गैदु से मुलाकात कर केस से संबंधित चालान की कॉपी सौंपी। करीब 10 मिनट चली इस मुलाकात के दौरान ईडी अधिकारियों ने कांग्रेस भवन अटैचमेंट केस की जानकारी दी।

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सुकमा कांग्रेस भवन को अटैच करने का दावा

इस केस में पहली बार किसी कांग्रेस भवन को अटैच करने का दावा किया गया है। ईडी का कहना है कि शराब घोटाले से मिले भ्रष्टाचार के पैसे से सुकमा कांग्रेस भवन का निर्माण किया गया। ईडी ने बताया कि इस भवन के निर्माण में 68 लाख रुपये खर्च हुए, जो कथित रूप से कवासी लखमा को घोटाले के पैसों से मिले थे।

घोटाले के पैसों से बेटे का घर भी तैयार

ईडी के मुताबिक, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को शराब घोटाले से हर महीने 2 करोड़ रुपये मिलते थे। 36 महीनों में यह रकम 72 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह पैसा उनके बेटे हरीश कवासी के घर निर्माण और सुकमा कांग्रेस भवन बनाने में लगाया गया।

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लखमा की गिरफ्तारी और सिंडिकेट में भूमिका

ईडी ने 15 जनवरी 2025 को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। वे इस समय रायपुर सेंट्रल जेल में न्यायिक रिमांड पर हैं। ईडी का आरोप है कि लखमा शराब सिंडिकेट के अहम सदस्य थे। उन्हीं के निर्देश पर सिंडिकेट काम करता था और शराब नीति बदलकर FL-10 लाइसेंस लागू किया गया, जिससे सिंडिकेट को फायदा हुआ।

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला क्या है?

  1. 2,000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला
    ED की जांच में सामने आया कि छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री से जुड़ा यह घोटाला 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है।

  2. IAS अफसरों और कारोबारी पर आरोप
    तत्कालीन सरकार के दौरान IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर पर सिंडिकेट के जरिए घोटाले का आरोप है।

  3. कवासी लखमा की गिरफ्तारी
    पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 15 जनवरी 2025 को ED ने गिरफ्तार किया। उन पर सिंडिकेट का हिस्सा बनने और शराब नीति बदलने के आरोप हैं।

  4. भ्रष्टाचार के पैसे से निर्माण कार्य
    ED का दावा है कि भ्रष्टाचार से मिले पैसे का इस्तेमाल सुकमा कांग्रेस भवन और लखमा के बेटे के घर के निर्माण में किया गया।

  5. सरकारी खजाने को नुकसान
    इस घोटाले से राज्य के सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब सिंडिकेट के लोगों की जेब में 2,100 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई गई।

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शराब घोटाले की पृष्ठभूमि

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जा रहा है। ईडी की जांच में सामने आया कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के समय IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के जरिए यह घोटाला किया गया। ईडी का दावा है कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ और सिंडिकेट के सदस्यों ने 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई की।

रायपुर का राजीव भवन

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