/sootr/media/media_files/2025/09/15/cg-liquor-scam-chaitanya-baghel-ed-chargesheet-2025-the-sootr-2025-09-15-19-54-49.jpg)
Chaitanya Baghel ED Chargesheet: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (CG liquor scam) और मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ज्यूडिशियल रिमांड खत्म होने के बाद सोमवार को रायपुर की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ 7 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की याचिका को भी खारिज कर दिया है और उन्हें निचली अदालत में जाने की सलाह दी है।
EOW-ACB की कस्टडी रिमांड की मांग खारिज
वहीं, इस मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को झटका लगा है। एजेंसी ने कोर्ट से चैतन्य को 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 सितंबर को रायपुर कोर्ट में होगी।
वकील का बयान और हाईकोर्ट की भूमिका
चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि EOW-ACB ने 12 और 13 सितंबर को उनसे पूछताछ की थी। इस दौरान गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए चैतन्य ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि जब तक निचली अदालत में जमानत पर सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक प्रोडक्शन वारंट स्थगित रखा जाए। इसी आधार पर वकील ने EOW की कस्टडी का विरोध किया।
हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। चैतन्य बघेल ने ACB द्वारा गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने इसके विरोध में तर्क प्रस्तुत किया।
कोर्ट का निर्णय और आगे की प्रक्रिया
सिंगल बेंच जस्टिस अरविंद वर्मा ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका सीधे हाईकोर्ट में दायर की गई है, जबकि इसे स्पेशल कोर्ट में लगाना चाहिए था। इस कारण हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत की सुनवाई से इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायालय ने याचिकाकर्ता को निचली अदालत में आवेदन करने की अनुमति प्रदान की है, ताकि कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए मामले की आगे की सुनवाई की जा सके।
ED की गिरफ्त में चैतन्य बघेल
गौरतलब है कि ईडी ने चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन 18 जुलाई को भिलाई स्थित निवास से PMLA, 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि उन्हें 16.70 करोड़ रूपए नकद (POC) शराब घोटाले से मिले थे। आरोप है कि इस रकम को उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर वैध दिखाने की कोशिश की।
1000 करोड़ से अधिक की मनी लॉन्ड्रिंग
ED का दावा है कि शराब घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ रूपए से ज्यादा के अवैध फंड का संचालन सिंडिकेट द्वारा किया गया। इस रकम का ट्रांसफर बघेल परिवार के सहयोगियों और कांग्रेस नेताओं तक होने की बात भी जांच में सामने आई है। एजेंसी अभी इन पैसों के अंतिम इस्तेमाल की पड़ताल कर रही है।
पहले से ही कई बड़े नेता और अफसर गिरफ्तार
इस केस में अब तक पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, कारोबारी अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, कांग्रेस नेता अनवर ढेबर, ITS अफसर अरुणपति त्रिपाठी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार हो चुके हैं।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही
ED की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए चैतन्य बघेल ने पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर अब 19 सितंबर को सुनवाई होगी।
यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन दोनों के लिए बेहद संवेदनशील बन गया है। अब सबकी निगाहें 16 सितंबर को रायपुर कोर्ट और 19 सितंबर को हाईकोर्ट की सुनवाई पर टिकी होंगी।