छत्तीसगढ़ शराब घोटाला:बिग बॉस वाट्सएप ग्रुप से चलता था लेन देन, चैतन्य बघेल पर 1,000 करोड़ के प्रबंधन का आरोप

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में चैतन्य बघेल पर 1,000 करोड़ रुपये का प्रबंधन करने और लेन-देन के लिए वाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल करने का आरोप है। ईडी ने पूरक चार्जशीट में यह बात की है।

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Arun Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी चार्जशीट कई बातों का ज़िक्र किया है। सूत्रों की मानें तो इस चार्जशीट में में दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने इस घोटाले से जुड़ी रकम का प्रबंधन किया और उसके वितरण में भी अहम भूमिका निभाई। ईडी ने पूरक चार्जशीट में कहा है कि आरोपी ने लगभग 1,000 करोड़ की काली कमाई को संभाला और उसका कुछ हिस्सा रियल एस्टेट कारोबार में निवेश किया।

लेन देन के लिए वाट्सएप ग्रुप:

सूत्रों के मुताबिक आरोप है कि कैश के लेन-देन पर निगरानी रखने के लिए एक व्हाट्सऐप ग्रुप BigBoss बनाया गया था। इस ग्रुप में कथित तौर पर सौदेबाजी और हिस्सेदारी को लेकर बातचीत होती थी। ईडी का कहना है कि यह डिजिटल चैट उन साक्ष्यों में शामिल है, जो 7,000 पन्नों से अधिक की पूरक चार्जशीट के साथ कोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं। 

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में चैतन्य बघेल पर ईडी के आरोपों

को ऐसे समझें 

Liquor scam worth crores has happened in Jharkhand too? Jharkhand  connection of Chhattisgarh liquor scamsters | छत्तीसगढ शराब घोटाले के तार  झारखंड से जुड़े: झारखंड में भी करोड़ों का हुआ है ...

चैतन्य बघेल पर आरोप:छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैतन्य बघेल पर 1,000 करोड़ रुपये की काली कमाई का प्रबंधन करने और रियल एस्टेट में निवेश करने का आरोप लगाया है।

वाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल: इस घोटाले के लेन-देन को ट्रैक करने के लिए "BigBoss" नामक एक वाट्सएप ग्रुप का उपयोग किया गया, जिसमें सौदेबाजी और हिस्सेदारी पर बातचीत होती थी।

ईडी की चार्जशीट: ईडी ने अपनी पूरक चार्जशीट में 7,000 पन्नों से अधिक के सबूत पेश किए हैं, जिसमें वाट्सएप चैट्स और डिजिटल साक्ष्य शामिल हैं।

कस्टोडियल रिमांड की मांग: ईडी ने चैतन्य बघेल को कस्टोडियल रिमांड पर लेने की कोशिश की, लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

आगे की कानूनी कार्रवाई: चैतन्य बघेल की अग्रिम ज़मानत अर्जी पर सुनवाई 19 सितंबर को होगी, जिससे मामले में आगे की कानूनी दिशा तय होगी।

ईओडब्ल्यू ने मांगी रिमांड:

ईडी ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कस्टोडियल रिमांड की मांग की। अदालत ने यह मांग ठुकराते हुए चैतन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी अग्रिम ज़मानत अर्जी पर सुनवाई 19 सितंबर को होगी। 

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