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छत्तीसगढ़ के आदिवासी विकास विभाग में दो अधिकारियों ने अखबार का फॉंट जुगाड़कर चहेतों को 18 करोड़ रुपए का काम बांट दिया। ऐसा कर दों सहायक आयुक्तों ने जमकर कमीशन कमाया। क्योंकि जब काम की जांच हुई तो बिना पता चला कि एक ही काम के लिए बार-बार टेंडर निकाला गया।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में होता रहा खेल
मामला नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा का है। इस कारण से आदिवासी विकास विभाग को अधिक फंड मिलता रहा। जिसका फायदा उठा तत्कालीन सहायक आयुक्त आनंद .जी .सिंह और उसके बाद सहायक आयुक्त के .एस .मसराम ने जमकर पैसा लूटा। कोरोना काल के दौरान विभाग के लोगों ने फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं किया जिसके बाद उनका दुष्साहस बढ़ता गया और उसके बाद भी 5 साल में फर्जी और गोपनीय तरीके से 18 करोड़ का टेंडर जारी कर दिया।
किस तरह करते थे फर्जीवाड़ा
डीएमएफ के 18 करोड़ 63 लाख रुपए निकालने के लिए अधिकारियों ने 45 बार फर्जी टेंडर निकाले। इसके लिए अखबारों में विज्ञापन जारी नहीं करवाया। उसकी जगह एक प्रिंटिंग प्रेस में अखबारों के नाम से हूबहू फर्जी विज्ञापन छपवाया जिसे असली बताकर पेश किया। पकड़े न जाए इसके लिए अखबारों के कर्मचारियों से फॉंट का जुगाड़ करवाया। इसके अलावा ऑनलाइन टेंडर भी नहंी जारी किया।
कलेक्टर की जांच से उजागर हुआ मामला
मामले की शिकायत मिलने पर कलेक्टर कुणाल दुदावत ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में पाया गया कि सालों से विभाग में नियमों को दरकिनार कर चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए फर्जी निविदाएं तैयार की जा रही थीं। यह पूरा खेल बिना किसी सार्वजनिक सूचना या प्रक्रिया के, फाइलों की एडिटिंग और रिकॉर्ड में हेरफेर के जरिए किया गया।
मुक्तिधाम निमार्ण कार्य में भी कमीशनबाजी
फर्जीवाड़ा कर अधिकारियों ने 280 लाख रुपए में मुक्तिधाम निर्माण कार्य करवाया 48.32 लाख रुपए का सर्व आदिवासी भवन प्रथम तल का निर्माण कार्य 89.79 लाख रुपए मंे माता रूकमणी आवासीय प्राथमिक विद्यालय दन्तेवाड़ा के 30 बिस्तरीय कन्या छात्रावास भवन निर्माण कार्य
11.30 लाख रुपए में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कुआकोण्डा में शेड निर्माण कार्य 212 लाख रुपए में 100 सीटर कन्या आश्रम भवन निर्माण कार्य 28.59 लाख रुपए का 100 सीटर आदर्श बालक छात्रावास बालूद का नवीन अतिरिक्त कक्ष भवन निर्माण
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45 फर्जी टेंडर उजागर, और हो सकते हैं खुलासे
जांच में विकास कार्यों के लिए जारी 45 टेंडरों में गड़बड़ी पाई गई है। बताया जा रहा है कि अभी भी कई निर्माण कार्यों की फाइलों की जांच की जा रही है और इसमें और भी अफसरों और ठेकेदारों की भूमिका सामने आ सकती है। पुलिस और प्रशासन, इस घोटाले में ठेकेदारों की संलिप्तता की भी जांच कर रहे हैं।
आदिवासी विकास विभाग घोटाला | टेंडर घोटाला | CG News.
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