छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की याचिका खारिज

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में गड़बड़ी को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है! क्या कोर्ट का यह फैसला याचिकाकर्ताओं के लिए आखिरी चेतावनी साबित होगा?

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (CG High Court) ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 में हुई गड़बड़ी को लेकर पेश की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा कि जब आप पहले ही चयनित हो चुके हैं, तो पीआइएल (जनहित याचिका) की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ताओं को चेतावनी दी कि सरकारी नौकरी मिलना बहुत कठिन होता है, और आप खुद ही अपनी राह में रुकावट डाल रहे हैं।

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क्या था मामला?

राजनांदगांव में 2024 में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि विभागीय अधिकारियों ने अपने परिचितों के पक्ष में निर्णय किए और प्रक्रिया में धांधली की। इस आरोप के आधार पर सात अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि इस गड़बड़ी के कारण परीक्षा का परिणाम प्रभावित हुआ था।

राज्य सरकार का पक्ष

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में शुरू में गड़बड़ी सामने आई थी, जिसके बाद उसे रद्द कर दिया गया और जांच की गई। राज्य ने कहा कि नौ जिलों में गड़बड़ी की जांच हुई थी, जिसमें से पांच जिलों में अनियमितता पाई गई, जबकि चार जिलों में फिर से परीक्षा की प्रक्रिया की गई और कुछ अधिकारियों पर विभागीय जांच की गई। महाधिवक्ता ने यह भी बताया कि जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, उनके अधिकारों का उल्लंघन होने पर वे उचित मंच पर चुनौती दे सकते हैं।

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कोर्ट का आदेश और याचिकाकर्ताओं की स्थिति

सुनवाई के दौरान अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जिन याचिकाकर्ताओं का चयन हो चुका है, उन्हें अब पीआइएल दायर करने का कोई आधार नहीं था। इस पर अदालत ने कहा, "आप खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हो, जब आप पहले ही चयनित हो चुके हैं।" कोर्ट ने आगे कहा कि अन्य याचिकाकर्ताओं को अपनी नियुक्ति के बाद ही किसी मंच पर चुनौती देने का अधिकार होगा।

इसके साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन चार याचिकाकर्ताओं पर गड़बड़ी के आरोप थे, उन्हें 14 सितंबर 2025 को होने वाले शारीरिक परीक्षा (फिजिकल वेरिफिकेशन) में शामिल होने का अवसर मिलेगा। अदालत ने अंत में याचिका को खारिज कर दिया और इसे वापस लेने का आदेश दिया।

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कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की मुख्य बातें:

  1. गड़बड़ी का आरोप: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2024 के दौरान राजनांदगांव में शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) में गड़बड़ी के आरोप लगे। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों ने अपने परिचितों के पक्ष में निर्णय किए और प्रक्रिया में धांधली की।

  2. जनहित याचिका दायर: गड़बड़ी के विरोध में सात अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि परीक्षा की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हुआ है।

  3. हाईकोर्ट का फैसला: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि चयनित अभ्यर्थियों को पहले ही सरकारी नौकरी मिल चुकी है, और इस आधार पर याचिका दायर करना निरर्थक था। कोर्ट ने उन्हें चेतावनी दी कि सरकारी नौकरी पाना मुश्किल होता है।

  4. राज्य सरकार की कार्रवाई: राज्य सरकार ने गड़बड़ी के आरोपों की जांच की और राजनांदगांव सहित 9 जिलों में जांच कराई। जिन जिलों में गड़बड़ी मिली, वहां विभागीय कार्रवाई की गई और पुनः चयन प्रक्रिया शुरू की गई।

  5. फिजिकल वेरिफिकेशन: चार याचिकाकर्ताओं को 14 सितंबर 2025 को होने वाले फिजिकल वेरिफिकेशन में शामिल होने का अवसर मिला, जबकि अन्य अभ्यर्थियों को अंतिम नियुक्ति के बाद उचित मंच पर चुनौती देने का अधिकार दिया गया।

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भर्ती प्रक्रिया की स्थिति

राज्य सरकार और विभागीय अधिकारियों के अनुसार, कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में जांच के बाद आवश्यक सुधार किए गए हैं। जिन स्थानों पर गड़बड़ी पाई गई, वहां जांच की प्रक्रिया को और मजबूत किया गया है। अन्य याचिकाकर्ताओं को अब केवल उनके अंतिम चयन के बाद ही अधिकारों की चुनौती देने का अवसर मिलेगा।

हाईकोर्ट के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकारी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर याचिकाएं दायर करने से पहले ध्यान रखना आवश्यक है कि क्या वे पहले से चयनित हो चुके हैं। इसके साथ ही यह मामला भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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