बलरामपुर के शिक्षकों को हाईकोर्ट से मिला न्याय, विभाग की गलती से नहीं मिला था प्रमोशन

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बलरामपुर जिले के शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। स्कूल शिक्षा विभाग की गलती के कारण शिक्षक प्रमोशन सूची से बाहर हो गए थे।

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Harrison Masih
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Balrampur teachers Promotion: स्कूल शिक्षा विभाग में इस समय शिक्षकों की प्रमोशन प्रक्रिया चल रही है। इसी के साथ शिकायतों का सिलसिला भी जारी है। कई मामलों में विभागीय गलती के कारण योग्य शिक्षकों के नाम प्रमोशन सूची से गायब हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बलरामपुर जिले के दो शिक्षकों भागवत कुमार बंजारे और बालवीर कुमार का सामने आया है।

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प्रमोशन सूची से नाम गायब

दोनों शिक्षकों का नाम लेक्चरर प्रमोशन सूची से हटा दिया गया। इतना ही नहीं, 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग में हुए संविलियन (शिक्षकों का नियमित पद पर विलय) को विभाग ने गलत तरीके से 2019 का संविलियन दिखा दिया। इस गलती की वजह से दोनों शिक्षक वरिष्ठता सूची में हजारों शिक्षकों से पीछे चले गए और उनका प्रमोशन रुक गया।

न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

विभाग से कई बार आवेदन और गुहार लगाने के बाद भी गलती ठीक नहीं हुई। इससे परेशान होकर शिक्षकों ने अधिवक्ता आदित्य शर्मा के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

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विभाग ने मानी गलती, जांच का भरोसा

कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी गलती स्वीकार कर ली। विभाग ने कहा कि दोनों शिक्षकों के सर्विस रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और यदि वे पात्र पाए जाते हैं तो उनके लिए रिव्यू डीपीसी (विभागीय प्रमोशन समिति) आयोजित की जाएगी।

बलरामपुर शिक्षक प्रमोशन की मुख्य बातें

  1. प्रमोशन सूची से नाम गायब – विभाग की गलती से दो शिक्षकों का नाम प्रमोशन सूची में शामिल नहीं हुआ।

  2. वरिष्ठता में नुकसान – गलत रिकॉर्डिंग से दोनों शिक्षक हजारों साथियों से पीछे हो गए।

  3. लगातार आवेदन, कोई सुनवाई नहीं – शिक्षकों ने कई बार विभाग को अवगत कराया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

  4. हाईकोर्ट का हस्तक्षेप – केस दर्ज होने पर विभाग ने गलती मान ली और सुधार का आश्वासन दिया।

  5. अब मिलेगा प्रमोशन का लाभ – 22 जुलाई 2025 से दोनों शिक्षकों को लेक्चररों के समान वरिष्ठता व प्रमोशन का फायदा मिलेगा।

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प्रमोशन का लाभ मिलेगा वरिष्ठता तिथि से

विभाग ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि पात्र पाए जाने पर दोनों शिक्षकों को अन्य लेक्चरर्स की तरह ही 22 जुलाई 2025 की वरिष्ठता तिथि से प्रमोशन का लाभ दिया जाएगा। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शिक्षकों को न्याय मिलने पर उन्होंने खुशी जताई।

FAQ

बलरामपुर के शिक्षकों का प्रमोशन क्यों रुका हुआ था?
स्कूल शिक्षा विभाग की गलती से शिक्षकों के संविलियन का वर्ष गलत दर्ज हुआ, जिसके कारण वे वरिष्ठता सूची से पीछे हो गए और प्रमोशन से वंचित हो गए।
रिव्यू डीपीसी क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
रिव्यू डीपीसी (Departmental Promotion Committee Review) एक प्रक्रिया है जिसमें प्रमोशन मामलों की दोबारा जांच होती है ताकि गलती से वंचित कर्मचारियों को सही लाभ मिल सके।
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से शिक्षकों को क्या लाभ मिलेगा?
हाईकोर्ट के आदेश के बाद विभाग ने रिव्यू डीपीसी आयोजित करने और शिक्षकों को 22 जुलाई 2025 से अन्य लेक्चररों के समान प्रमोशन का लाभ देने का आश्वासन दिया है।

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