पशुओं से होने वाले हादसों को रोकने एक महीने दिन रात चलेगा अभियान, कलेक्टर, कमिश्नरों को चिट्ठी

छत्तीसगढ़ सरकार अब पशुओं को सड़क पर छोड़ने और उनके कारण होने वाले हादसों को लेकर गम्भीर हो गई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगरीय निकायों को एक माह तक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

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Arun Tiwari
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Raipur. छत्तीसगढ़ सरकार अब पशुओं को सड़क पर छोड़ने और उनके कारण होने वाले हादसों को लेकर गम्भीर हो गई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सड़कों पर घुमंतू व आवारा पशुओं के कारण होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने सभी नगरीय निकायों को एक माह तक विशेष अभियान चलाने तथा टोल-फ्री नम्बरों 1033 व निदान-1100 के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं।

विभाग ने मंत्रालय से सभी जिलों के कलेक्टरों, नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को परिपत्र जारी कर परिवहन विभाग के एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के अनुसार कार्यवाही करने और खुले में पशुओं को नहीं छोड़ने के लिए पशु मालिकों को जागरूक करने को कहा है। 

सड़क हादसों को रोकने की कोशिश:

परिवहन विभाग द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख सड़कों पर घूमने वाले आवारा और घुमंतू पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए  मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी जारी की गई है। इसमें सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने, निगरानी दलों के गठन, घुमंतू पशुओं के प्रबंधन, पुनर्वास, दुर्घटना प्रबंधन, आपात सेवाओं, पशु मालिकों को जागरूक करने के संबंध में विभिन्न विभागों की ज़िम्मेदारी तय की है।  

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क्या है एसओपी में :

नगरीय प्रशासन विभाग ने परिवहन विभाग के एसओपी के अनुसार सभी नगरीय निकायों को उच्च जोखिम क्षेत्र (High Risk Area) एवं सामान्य जोखिम क्षेत्र (Moderate Risk Zone) की मैपिंग कर आवारा पशुओं को काउ-कैचर के माध्यम से गौ-शालाओं, गौ-अभ्यारण्यों, कांजी हाउसों और गौठानों में विस्थापित करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने आवारा/घुमंतू पशुओं को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने के बाद पशु मालिकों को सूचित कर मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है। आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान

इनके साथ ही विभाग ने आवारा पशुओं को पशु पालन विभाग के माध्यम से रेडियम स्ट्रिप लगाने, रात्रि में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने चिन्हित मुख्य मार्गों एवं स्थलों में स्ट्रीट लाइट के द्वारा प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने, सुरक्षा की दृष्टि से चिन्हांकित सड़कों में संकेतक बोर्ड लगाने तथा सोशल मीडिया के माध्यम से सड़कों पर आवारा पशुओं के घूमने से होने वाले खतरों और पशु सुरक्षा के उपायों पर नियमित जागरूकता कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश दिए हैं। 

पशु मालिकों को किया जाएगा जागरूक:

नगरीय प्रशासन विभाग ने निकायों को पशु मालिकों को खुले में पशुओं को नहीं छोडने हेतु जन-जागरूकता शिविर व विभागीय शिविरों के माध्यम से प्रेरित करने को कहा है। आवारा/घुमंतू पशुओं से होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक माह का विशेष अभियान (दिन और रात) चलाने और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है। यह विशेष अभियान नगरीय निकाय क्षेत्रों के अतिरिक्त आस-पास के 10-15 कि.मी. की परिधि में ग्रामीण क्षेत्रों में भी ग्राम पंचायतों की सहमति एवं समन्वय से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। 

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टोल फ्री नंबर जारी :

विभाग ने आवारा/घुमंतू पशुओ से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के टोल-फ्री नम्बर 1033 एवं नगरीय निकायों के निदान-1100 का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने को कहा है। इन नम्बरों पर प्राप्त होने वाले शिकायतों से निगरानी दलों को अवगत कराने एवं इनके निराकरण की नियमित समीक्षा के भी निर्देश दिए गए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को परिवहन विभाग द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया तथा विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार कार्यवाही कर क्षेत्रीय संयुक्त संचालकों के माध्यम से हर सप्ताह जानकारी संचालनालय को उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है।

Raipur आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग छत्तीसगढ़ सरकार
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