रायपुर : सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों के लिए विष्णु सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब ये डॉक्टर घर में या किसी प्रायवेट नर्सिंग होम में मरीजों का इलाज नहीं कर पाएंगे। यदि उन्होंने ऐसा काम किया तो पकड़े जाएंगे। आखिर ऐसा क्या हो गया है, आइए आपको बताते हैं।
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सार्वजनिक हुई सूची
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शासकीय चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत आमजनों के लिए चिकित्सा शिक्षा की वेबसाइट www.cgdme.in पर नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस (एनपीए) लेने वाले चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षकों की सूची सार्वजनिक कर दी गई है। सूची में इस बात की जानकारी दी गई है की इन चिकित्सकों द्वारा निजी प्रैक्टिस की जा रही है या नहीं। उल्लेखनीय है कि ऐसे चिकित्सक एवं चिकित्सा शिक्षक जो निजी प्रैक्टिस नहीं करते हैं उन्हें शासन द्वारा वेतन के अतिरिक्त नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) भी दिया जाता है। एनपीए लेने के बाद भी निजी प्रैक्टिस करना प्रतिबंधित है और ये नियम विरुद्ध है।
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आमजन कर सकेंगे शिकायत
यह इसलिए किया गया है ताकि आमजनों को ये जानकारी रहे की कौनसा चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करने के लिए पात्र है और कौन नहीं, इसके लिए राज्य के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेज और डेंटल मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों एवं चिकित्सा शिक्षकों के द्वारा एनपीए लेने अथवा न लेने की जानकारी चिकित्सा शिक्षा की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी गई है। लोगों को यदि एनपीए लेने वाले डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते मिले तो वे इसकी शिकायत भी कर सकते हैं।
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